tag:blogger.com,1999:blog-8171167459084731099.post5740863862066787914..comments2023-11-02T03:04:29.373-07:00Comments on महाशक्ति समूह: होली तो ससुरालPramendra Pratap Singhhttp://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comBlogger4125tag:blogger.com,1999:blog-8171167459084731099.post-56056342764034707992008-03-16T12:53:00.000-07:002008-03-16T12:53:00.000-07:00"ताराचन्द्र,परमजीत,अरु महाशक्ति को भाए छंद फागुन..."ताराचन्द्र,परमजीत,अरु महाशक्ति को भाए <BR/> छंद फागुनी हमने ,नेट पे जो चिपकाए ,<BR/> नेट पे जो चिपकाए,पढैये बे-ससुराली,<BR/> क्या जाने रस देवर का क्यों भाए साली <BR/> कहे मुकुल कविराय भाग के धनी अपन हैं <BR/> तिरतालिस के हुए फिर भी तेज़ अगन है. <BR/> बुझते दीप की तेज़ी की हम मिसाल हैं <BR/> तभी तो ब्लॉगर जाट में हम कमाल है " <BR/> ताराचन्द्र,परमजीत, महाशक्ति को अशेष आभार सहित <BR/> गिरीश बिल्लोरे मुकुलबाल भवन जबलपुर https://www.blogger.com/profile/04796771677227862796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8171167459084731099.post-79595995633616158492008-03-16T08:08:00.000-07:002008-03-16T08:08:00.000-07:00बेहतरीन होली पर कविता रची है। बधाईबेहतरीन होली पर कविता रची है। बधाईPramendra Pratap Singhhttps://www.blogger.com/profile/17276636873316507159noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8171167459084731099.post-59039172759719723682008-03-16T06:16:00.000-07:002008-03-16T06:16:00.000-07:00बहुत बढिया लिखा है।होली तो सुसराल की ही अच्छी होती...बहुत बढिया लिखा है।होली तो सुसराल की ही अच्छी होती है...लेकिन अफसोस अपना सुसराल नही है।;)परमजीत सिहँ बालीhttps://www.blogger.com/profile/01811121663402170102noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-8171167459084731099.post-63823888503709762212008-03-16T02:38:00.000-07:002008-03-16T02:38:00.000-07:00बहुत खूब गिरीश भाई, सच मुच होती तो ससुराल की ही हो...बहुत खूब गिरीश भाई, सच मुच होती तो ससुराल की ही होती है, अभी तो अनुभव नही हुआ है किन्तु पढ़ कर सजीवता के दर्शन मिलें। <BR/><BR/>क्या ससुराल जा रहे है :) <BR/><BR/>बधाईAnonymousnoreply@blogger.com