"उठो, मन की मलिनता हटाओ।" सुविधायें नही हैं, प्रयोगशालाये नही हैं, कह कर बैठने से काम नही चलेगा। तुम्हारा मन ही सबसे बड़ी प्रयोगशाला है। आलस्य त्यागो, जहाँ हो वहीं से कार्य आरम्भ करो। 'याद रखो'; जो लोग वित्तेषणा व लोकेषणा के लिये कार्य नही करते असफलतायें उन्हे रोक नही पातीं। ---यह कहनाहै डॉक्टर जगदीश चन्द्र बोस/बसु का
1 comment:
बहुत बढ़िया प्रेरक सदविचार...
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