संगठन ही राष्ट्र की प्रमुख शक्ति होती है। संसार में कोई समस्या हल करनी हो तो वह शक्ति के आधार पर ही हो सकती है। शक्तिहीन राष्ट्र की कोई भी आकांक्षा कभी भी सफन नही होती। पर सामर्थ्यशाली राष्ट्र कोई भी काम, जब चाहे तब, अपनी इच्छानुसार कर सकता है।
1 comment:
जय हो
Post a Comment