माँ....तुझे प्रणाम...माँ तुझे सलाम
न सिर्फ प्रणाम न सिर्फ सलाम
सच
६१ बरस की आज़ादी और हम
कितने संवेदन हीन से हैं
मै तुम् ये वो
मिल कर "हम" न हो सके तो
सच हम मादरे-वतन के वफादार बच्चे नहीं
फिर भी कोशिश जारी रहे
वन्दे मातरम
न सिर्फ प्रणाम न सिर्फ सलाम
सच
६१ बरस की आज़ादी और हम
कितने संवेदन हीन से हैं
मै तुम् ये वो
मिल कर "हम" न हो सके तो
सच हम मादरे-वतन के वफादार बच्चे नहीं
फिर भी कोशिश जारी रहे
वन्दे मातरम
4 comments:
स्वतंत्र्र्ता दिवस पर आपको हार्दिक शुभकामनये और बधाई
बहुत अच्छी कविता, स्वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई
स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाऐं.
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