14 August 2008

मान तुझे प्रणाम मान तुझे सलाम

माँ....तुझे प्रणाम...माँ तुझे सलाम
न सिर्फ प्रणाम न सिर्फ सलाम
सच
६१ बरस की आज़ादी और हम
कितने संवेदन हीन से हैं
मै तुम् ये वो
मिल कर "हम" न हो सके तो
सच हम मादरे-वतन के वफादार बच्चे नहीं
फिर भी कोशिश जारी रहे
वन्दे मातरम

4 comments:

समय चक्र said...

स्वतंत्र्र्ता दिवस पर आपको हार्दिक शुभकामनये और बधाई

Pramendra Pratap Singh said...

बहुत अच्छी कविता, स्‍वतंत्रता दिवस की बहुत बहुत बधाई

Udan Tashtari said...

स्वतंत्रता दिवस की बहुत बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Girish Kumar Billore said...

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाऐं.