18 October 2008

आतंकवादियों को मारो मत भारतरत्न का अर्वाड दो

आज हिन्दुस्तान में सत्ताधारी नेता बाटला हाउस में मारे गये आतंकवादियों के पझ में खडे़ हैं और जिस तरह से ब्यानबाजी कर रहें है लगता है पुलिस ने आतंकवादियों को मार कर कोई गुनाह किया हो। आमिताभ बच्चन के पिछलग्गु नेता अमर सिंह इस मामले में पुलिस बालों पर पहले अगुली उठा चुके हैं और उनका केस भी लड़ने को तौयार हैं आज सत्ता पक्ष के नेता इस होड़ में उलझें हैं कि कौन कितना ज्यादा आतंकवादियों का हिमायती है। काग्रेंस कुछ के नेता प्रधानमंत्री से मिल कर बाटला हाउस में मारे गये आतंकवादियों के मारे जाने पर पुलिस के कार्यवाही पर प्रश्नचिन्ह लगाने गये थे। वैसे पुलिस को क्लिनचीट सुरक्षा सलाहकार नारायणन दे चुके हैं। वैसे आजकल आतंकवादियों के सर्मथक नेताओ का लिस्ट कुछ ज्यादा बडा़ होता जा रहा है सबसे पहले बाटला हाउस मामलें मे अर्जुन सिंह ने आतंकियों के केस लड़ने का मनसा जाहिर किया था। तो रामविलास पासवान जो हमेशा से ओसामा बिन लादेन के हमसक्ल को साथ में लेकर चलते हैं क्यों पीछे रहते लगे हाथ उसने भी ब्यान जारी करके आतंकियों के साथ गलवहिया डालना सुरु किया फिर क्या था लालु प्रसाद कहा पीछे रहने बाले थे लगे हाथ उन्होंने भी अपनी देशभक्ति का पिटारा खोल कर रख दिया।
आखीर कब तक मुस्लिम तुस्टीकरण का खेल इस देश में चलता रहेंगा। आखिर कब तक इस देश में अल्पसंख्यक असुरक्षा के नाम पर दबाब डाल कर अपना उल्लु साधते रहेगा। हिन्दुस्तान ऎसा देश है जहा के अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुरक्षीत है। पुरे विश्व में 57 मुस्लिम देश है जो किसी तरह का हज में सब्सिडी नही देता है लेकिन हिन्दुस्तान में मुस्लमानों को सब्सिडी दिया जाता है मुस्लमानों सभी हवाई अड्डा पर सिर्फ साल में कुछ दिन खुलने बाला पाँच सितारा हज हाउस बनाकर दिया गया। आतंकवाद का नर्सरी को सरकार के द्वारा पैसा मुहया किया जाता है मस्जिदों के मरम्मत के नाम पर करोडों खर्च करती है सरकार क्या ये सब सुविधा हिन्दुओ को मिलता है आज हिन्दुस्तान में हिन्दुओ के मुकाबले ज्यादा सुविधा दी जा रही है मुस्लिमानों को। हिन्दुस्तान के मुस्लिम बहुल राज्य में हिन्दु मुख्यमंत्री नही बन सकता है मुस्लिम उत्पात मचा कर रख देंगे। जैसा कि अफजल को फांसी के मामले में उन्होंने पहले सभी को चेता दिया है अगर अफजल को फांसी दिया गया तो देश में दंगा भरक जायेगा। लेकिन हिन्दु बहुल राज्य में मुस्लिम मुख्यमंत्री बने है और आगे भी बनते रहेंगे। हिन्दुस्तान के कुछ नेता के नासमझी के कारण हिन्दुस्तान अपना 30% जमीन का टुकरा अल्पसंख्यक को अलग देश के लिये दे दिया लेकिन हिन्दु अयोध्या में एक मन्दिर बनाने के लिया अल्पसंख्यक के आगे निहोरा कर कर रहा है। गोधरा में मारे गये हिन्दु के बाद भडके दंगा का नासुर आज भी सभी को जला रहा है सेकुलर इसे हिन्दु के लिये सबसे बडा़ कलंक बना दिया हो लेकिन मोपला, कलकत्ता, भागलपुर जैसे हजारों दंगा हुआ जिसमें मारे गये हिन्दुओं पर आज कोई आँसु बहाने बाला नही है। जम्मु काश्मिर से 4 लाख से ज्यादा हिन्दुओं को लात मार कर निकाल बाहर कर दिया गया किसी के आँख में आसु नही आया कोई नेता, सेकुलर एक शब्द इस मामले में नही बोला। आज पाकिस्तान और बाग्लादेश में हिन्दुओ की हालत जानवरों से भी बत्तर है उन्के 12 साल की लडकियों को घर से उठा कर बालात्कार किया जा रहा है जबरदस्ती शादी किया जा रहा है किसी ने नही बोला लेकिन दो आतंकवादियों के मरने पर इतना हायतैबा मचा रखे है जैसे इनका अपना सगा बाला मारा गया हो। मुलायम सिंह यादव और आमिताभ बच्चन के पिछल्लगु अमर सिंह अगर चिल्लम पो मचाते हैं तो समझ में आता है क्यों कि एक आतंकवादि तो उन्ही के पार्टी के जिला अध्यक्ष का बेटा था।
अब समय आ गया है यैसे नेताओ से पुछने का कब तक ये अल्पसंख्यक असुरक्षा के नाम पर ब्लैकमेलिग का खेल खेला जायेगा और देश को गर्त में ढकेलने का काम ये नेता करते रहेंगे। हिन्दुस्तान के अल्पसंख्यक से ज्यादा किसी और देश का अल्पसंख्यक सुरक्षीत नही है उन्हें जितना सहुलियत हिन्दुस्तान में मिलता है उतना और किसी देश में नही मिलता है लेकिन फिर ये क्यों दिखाने का कोशीश किया जाता है कि हिन्दुस्तान में अल्पसंख्यक असुरक्षा है। उन्हें किसी भी तरहा का सुविधा यहा नही मिल रहा है। अल्पसंख्यक को अगर ऎसा लगता है तो उन्हें किसी ने रोका नही है अपना रास्ता नापे और कही जाकर सुरक्षीत ठीकाना का खोज लें और हमें शान्ती से रहने दें।

http://ckshindu.blogspot.com

10 comments:

श्रीकांत पाराशर said...

Tushtikaran ki rajniti ne hi desh ka bantadhar kar rakha hai.

Gyan Darpan said...

इनका मकसद मुसलमानों में असुरक्षा की भावना पैदा कर उसे वोट में बदलने मात्र की है

Anonymous said...

वोट की खातिर नेता अपना धर्म परिवर्तन भी करा सकते है . राजनीति में नैतिकता रह ही नही गई है .

शेरघाटी said...

bandhuon ye tushtikaran kis bala ka naam hai?



ज़रूर पढिये,इक अपील!
मुसलमान जज्बाती होना छोडें
http://shahroz-ka-rachna-sansaar.blogspot.com/2008/10/blog-post_18.html
अपनी राय भी दें.

makrand said...

we should think seriouly about this metter
regards

makrand said...

we should think seriouly about this metter
regards

कुन्नू सिंह said...

एसोचने वाली बात है।
सोच के बताता हूं :)

Pramendra Pratap Singh said...

आज देश उस चौराहे पर खड़ा है जहॉं पर लगातार विश्वासघात हो रहा है, भी जयचंद्र की स्‍मृति बिसरी भी न थी कि नव जयचंद्र ने स्थान ग्रहण कर लिया है।

prakharhindutva said...

यह हिंसा धर्मयुद्ध में बदली जा सकती है। अगर तुम दिशाहीन न होकर हिन्दू राष्ट्र के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यदि किसी को मारते हो तो वो हिंसा नहीं होगी। वो न्याय होगा। किसी आम आदमी को सताने से कुछ नहीं मिलेगा। अगर मारना ही है तो मारो उन लोगों को जो आतंकवादियों के हिमायती है। कभी ये मौलाना मौलवी तुम्हें क्यों नहीं दिखाई देते। ये पादरी तुम्हारे निशाने पर क्यों नहीं होते। देवबंद में आईएसआई के अड्डे कैसे पनप रहे हैं। बंगाल में तुम साम्यवाद का संहार क्यों नहीं करते।

क्योंकि तुम डरते हो कि कहीं हाथ न जला बैठो। तुम्हें लगता है कि तुम किसी सेक्युलर नेता को मारते समय अपना ही नुकसान न कर बैठो।

तुम्हारे रहते मुसलमानों के प्रदर्शन हो रहे हैं और आतंकवादियों को शहीद बताया जा रहा है? कैसे नक्सली फल फूल रहे हैं? कहाँ से मिशनरियों के पास पैसा आता है? आतंकवाद की फ़ंडिंग कहाँ से हो रही है? इस हिंदू बहुल राष्ट्र में कैसे कोई मुसलमान ऊँची आवाज़ में बात कर पा रहा है?

मैं भी मानता हूँ कि हर मुसलमान आतंकवादी है पर हे हिन्दुत्व के ठेकेदारों ज़रा सोचो कि क्या आम मुसलमान को मारने से इसलाम का पेड़ गिरेगा? ये सिर्फ़ उस वृक्ष के पत्ते उखाड़ कर ख़ुश होने जैसा होगा। यदि हिम्मत है तो जड़ पर प्रहार करो।

Anonymous said...

bade beshram ho gaye hai aj ke neta lok (Sannsad se lekar gramsevak tak sabhi neta) chahe oh koaibhe party ke ho unhe amm janta se kuch lena dena nahi hai