'चींटी और टिड्डा ' कहानी तो सबने सुनी होगी? भारत में भी हुआ था एक बार यही, जब चींटी ने पूरी गर्मी में मेहनत करके अपने लिए घर बनाया और टिड्डा?वो तो ठहरा मस्त मौला , तो इस कहानी में कैसे सुधर जाता? जाड़ों के दिनों में चींटी मज़े से अपने 3 bed apartment में २४*7 फ़ूड , एनर्जी और वाटर सप्लाई के मज़े लेने लगी...
...यहाँ तक तो सब ठीक लेकिन ये भारीतय टिड्डा था....
चुप क्यूँ रहता?
टिड्डे ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, और अपनी व्यथा सबको सुनाई , और जानना चाहा देश की जनता से कि मैं कैसे ऐसे रह सकता हूँ जबकि देश में एक 'चींटी वर्ग' भी है?
NDTV, बीबीसी, INDIA TV, The Times Of India आदि सभी मुख्या न्यूज़ चैनल और अख़बारों ने इस घटना को भूखों मरते टिड्डे कि फोटू और उसके बगल मैं चींटी की वाटर पार्क में खिचवाई फोटू के साथ दिखाया.
आखिर एक बेबस टिड्डा ऐसे कैसे मर सकता है ? फिर क्या था?
अरुंधती रॉय ने चींटी के घर के सामने धरना दिया....
मेधा पाटेकर टिड्डे के साथ आमरण अनशन में बैठ गयी...
मायावती ने इसे अल्पसंखकों के खिलाफ षडयंत्र कहा....
कोफ्फी अन्नान ने भारतीय सरकार को 'टिड्डे की मूलभूत सुविधाओं' का ख्याल न रखने हेतु आड़े हाथों लिया.
टिड्डे के ब्लॉग
'चींटी के पार' में कमेन्ट और follower १००० के पार पहुँच गए थे.
'स्वर्ग और चिरस्थायी शांति के लिए अग्रेषित करें , और न करने पर परमेश्वर के प्रकोप के लिए तैयार रहे ' type चैन मेल की बाढ़ ही आ गयी जिसमें माइक्रोसॉफ्ट वाले कथित तौर पर टिड्डे को हर forwarded मेल में 1 पैसा देने वाले थे .
विपक्षी दल के नेताओं ने सदन का बहिष्कार किया और लोक सभा ,राज्य सभा की कार्यवाही नहीं चलने दी.
लेफ्ट फ्रंट ने बंगाल बंद का आह्वाहन किया.
केरला ने न्यायिक जांच करवाने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया.
CPM ने तुंरत ही एक कानून पारित किया जिससे की चींटी को अत्यधिक क्ष्रम करने से रोका जा sake तथा चींटी और टिड्डे के बीच गरीबी का साम्यवाद आ जाए .
ममता बनर्जी ने टिड्डे के लिए भारतीय रेल की सभी गाड़ियों में मुफ्त एसी कोच की व्यवस्था करवा दी.
named as the 'Grasshopper Rath'.
अंततोगत्वा , न्यायिक कमिटी ने ' Prevention of Terrorism Against Grasshoppers act[POTAGA] को मंजूरी दे दी जो जाडों से लागू माना जावे.
अर्जुन सिंह ने आनन फानन में टिड्डे के लिए सभी सरकारी विद्यालयों एवं इंस्टीत्युट में शिक्षा के क्षेत्र में 'Special Reservation ' दिए जाने की घोषणा कर दी .
चींटी को 'पोटागा' के अर्न्तगत दोषी पाया गया.चूंकि चींटी के पास देने के लिए कुछ नहीं बचा अतः उसका घर कुर्क कर दिया गया और एक शानदार समारोह में टिड्डे को दे दिया गया.ये शानदार समारोह सभी टीवी चंनल में लाइव दिखाया जा रह था.
अरुंधती रॉय ने इसे ' न्याय की जीत' की संज्ञा दी
लालू ने इसे 'सामाजिक न्याय ' कहा .
सीपीएम ने कहा की ये ' क्रांतिकारी दलित के पुनरुत्थान ' की कथा है.
कोफ्फी अननन ने टिड्डे को UN जनरल असेम्बली में आमंत्रित किया.
कई सालों बाद ...
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...चींटी विदेश में बस गयी और उसने यू एस में एक multi-billion dollar company खोल ली ,
आरक्षण के बावजूद कही भारत में अब भी हजारों टिड्डे भूख से मर रहे हैं.
...कई
चींटियों को खोने और कई
टिड्डों को पालने के कारण
भारत अब भी विकासशील देश है.
(Inspired From A Spam Mail)
तीनों को बधाई
तीसरे अजय कुमार झा।