कांग्रेस की डगर पे चमचों दिखाओ चल के
यह देश है तुम्हारा खा जाओ इसको तल के
दुनिया की बात सहना और कुछ न मुंह से कहना
रूई कान में तुम देके आगे को बढ़ते रहना
रख दोगे एक दिन तुम मुंह सब के बंद कर के
कांग्रेस की डगर पे चमचों दिखाओ चल के
यह देश है तुम्हारा खा जाओ इसको तल के
अपने हो या पराये कोई न बचने पाये
डाइजेशन देखो तुम्हारा हर्गिज न गड़बड़ाये
मौका बड़ा कठिन है, खाना संभल संभल के
कांग्रेस की डगर पे चमचों दिखाओ चल के
यह देश है तुम्हारा खा जाओ इसको तल के
भाई हो या भतीजा तुम सबका ध्यान रखना
फुल सात पीढियों का तुम इन्तजाम रखना
स्विस बैंक की तिजोरी तुम खूब रखना भर के
कांग्रेस की डगर पे चमचों दिखाओ चल के
यह देश है तुम्हारा खा जाओ इसको तल के
8 comments:
bahu achche
क्या खूब लिखा है, इसी तरह लिखते रहें
बहुत सुंदर गीत ओर बिलकुल सच
हंसने का मन भी होता है .. और रोने का भी .. बहुत सुंदर रचना है !!
भाई हमसफर, आपने तो हँसने को मजबूर कर दिया।
kya dhansu likh mara hai hamsafar ji. aazadi ke bad bhi aise halat hai. kangresh ne to vakai ................
lekhte rahiye........
सत्य को लाजवाब ढंग से लिखा है ... |
सुन्दर !
बेहतरीन..अभी नजर पड़ी. :)
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