दूरियो के दौर में,
मजबूरियाँ नज़र आती है।
तेरे चाहत की तनहाई मे,
तेरी परछाई नज़र आती है।।
मजबूरी को समझ सको तो,
इश्क समझना असां होगा।
मतभेद दिखा कर दूरी हमसे,
हमें हटना आसां होगा।।
हम हट जायेगे मिट जायेगे,
यादो की कश्ती टूट जायेगी।
टूटा तागा जुड जाता है,
पर गांठ हृदय को चुभ जाती है।
इश्क की गहराई हमे मालूम नही,
नापने इश्क की गहराई को हम।
डूबना चाहते थे सागर मे ,
पर सागर को अपने गहराई का अभिमान था।।
सागर के अपने अभिमान से,
प्यार की गहराई मे मौत हो गई।
प्यार के मौत की पीड़ा आँसू,
सागर मे मिल मीत बन गई।।
सागर को अभिमान बड़ा कि,
प्यार तो उसकी गहराई मे है।
मार कर प्यार को सागर ने,
नष्ट किया उसकी तरूणाई को।।
मजबूरियाँ नज़र आती है।
तेरे चाहत की तनहाई मे,
तेरी परछाई नज़र आती है।।
मजबूरी को समझ सको तो,
इश्क समझना असां होगा।
मतभेद दिखा कर दूरी हमसे,
हमें हटना आसां होगा।।
हम हट जायेगे मिट जायेगे,
यादो की कश्ती टूट जायेगी।
टूटा तागा जुड जाता है,
पर गांठ हृदय को चुभ जाती है।
इश्क की गहराई हमे मालूम नही,
नापने इश्क की गहराई को हम।
डूबना चाहते थे सागर मे ,
पर सागर को अपने गहराई का अभिमान था।।
सागर के अपने अभिमान से,
प्यार की गहराई मे मौत हो गई।
प्यार के मौत की पीड़ा आँसू,
सागर मे मिल मीत बन गई।।
सागर को अभिमान बड़ा कि,
प्यार तो उसकी गहराई मे है।
मार कर प्यार को सागर ने,
नष्ट किया उसकी तरूणाई को।।
हमारे प्रिय स्वर्गीय दोस्त रोहित सिंह की असमयकि मौत पर, जो कुछ दिन पहले एक कुएं मे गिर कर मर गया, भगवान उसकी आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
5 comments:
बहुत दुःख हुआ मौत का समाचार सूनकर , । रचना उम्दा लगी
आप के दोस्त की आत्मा को भगवान शांति प्रदान करे
बहुत दुख . ईश्वर आपके मित्र की आत्मा को शांति प्रदान करें .....
भगवान स्वर्गीय दोस्त रोहित सिंह आत्मा को शान्ति प्रदान करे।
बहुत मार्मिक रचना। रोहित की याद सदा आपके दिल में रहेगी। हमारी श्रद्धांजली स्वीकार करें।
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