राहों में तुम्हारें,
यदि कॉंटे पड़े हो।
तो मै उसकों,
अपनी राहों में ले लूँ।।
यदि कॉंटे पड़े हो।
तो मै उसकों,
अपनी राहों में ले लूँ।।
सनम जो तुम चाहो,
तो अपने प्राण दे दूँ।
हम सफर बन के तुम्हारा,
प्यार न्यौछावर कर दूँ।।
तेरे निगाहों की कशिश से,
घायल हजार दीवाने है।
मत भूलों प्रिये तुम
कि हजारों में एक है हम।।
घायल हजार दीवाने है।
मत भूलों प्रिये तुम
कि हजारों में एक है हम।।
नववर्ष में प्रिये पैगाम है,
तेरे जज्बात का एहसास है।
अब के प्रिये मिलना तुम,
मेरे इजहार को न 'न' कहना।।
1 comment:
नये साल मे प्यार का इजहार, क्या बात है.... पर ये भी तो बता दिजीये की "हॉ हुई या ना"
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