अपने दोस्त के साथ जिससे कभी बेहतरीन वक्त गुजारा था, लेकिन अब जो आप के संपर्क में नही है वह अब कैसा है या जब काम करना शुरू किया था तब जिसके साथ आपने कमरा शेयर किया था और जो संडे को गोलगप्पे खिलाता था। आपके बचपन का कोई दोस्त जो अब किसी दूसरे शहर में रहता है, वह कैसा है? आप उससे संपर्क कर एक नया पुल फिर से बनाते है तथा एक दूसरे के साथ वक्त विताकर फिर से नया रिश्ता बना सकतें है।
दूसरे रूप में आप अपने से बड़ो के प्रति अपने प्यार और आदर का इजहार करने के लिए क्या वेलेंटाइन डे सबसे अच्छा दिन हो सकता है। अपने काम के दबाव और दूसरी प्राथमिकताओं के कारण हम अपने बउो को कितना कम वक्त दे पाते है। अक्सर वे हमारी प्राथमिकता सूची में सबसे अंत में आते है। तो इस बार क्यों न हम अपने बुजुर्गो, अग्रजों एवं सम्मानित बड़ो के साथ प्रेम दिवस का लुफ्त उठायें।
आापसी सौहार्द बढ़ाने का सबसे अच्छा अवसर जिन दोस्तों और परिजनों के साथ आपके संबंध मधुर नही रह गये हैं, इस दिन उनसे जुड़िये क्योंकि गलतफहमियां और भूलें हमेशा होती रहती है। क्यों न इस बार उन्हें जला डालें। उनके लिए मीठे चाकलेट खरीदियें ओैर उनसे मिलिए जैसे कुछ हुआ ही न हो। प्रेम के देवता की लौ इस दिन आप थोड़ी सी उनके लिए जलाइये जो आपके लिए अहमियत रखतें है।
प्रेम दिवस यह कहने का सबसे अच्छा दिन है कि आप अपने परिवार को कितना प्यार करतें है। अपनी बहन से बात कर हैप्पी वैलेंटाइन कहिये, भाई के साथ लंच करें। साथ ही बचपन की बातें कर खूब आनन्द उठाइये तथा एक उपहार दीजिए लिखकर जो उसके लिए सरप्राइज होगा।
साथ ही आप अपने के लिए भी पर्याप्त समय अपने लिए भी रखिए। ईश्वर को धन्यवाद दीजिए कि उसने आपको ऐसे लोगो से मिलाया जो आपकी चिंता करते है और बदले में आपको भी उनकी चिंता है और उनके लिए प्रार्थना कीजिए। साथ ही अगर आप कुछ खरीदना चाहते हैं तो यह सबसे अच्छा दिन है। यही तो प्यार है और ऐसे ही आप कुछ नया कर पूरे फिजा में प्यार फैला सकतें है। तो तैयार हो जाइये आज और कुछ कर डालिये डिफरेंट।
4 comments:
मै आपकी बात से इत्फाक कम रखता हूँ कि यह गिफ्ट देने का सबसे अच्छा दिन है। प्रेम का दिन निर्धारण स्वयं प्रेम का अपमान है।
हमें प्रेम के बाजारी करण करने के बचना होगा।
वैसे तो प्रेम का कोई दिन विशेष नहीं होया, हाँ आज के व्यस्त जीवन शैली में आप इसे एक अवसर के रूप में देख सकते हैं जब आप आपने प्रिय मित्रों, घर के लोगों के साथ कुछ समय व्यतीत करें..
इस लहजे से मैं आपका समर्थन करता हूँ, वरना नहीं ...
वेलेंटाइन डे हिन्दुस्तान में मुर्खों के द्वारा मनाया जाने बाला म्रुर्ख दिवस से ज्यादा और कुछ नही है।
वेलेंटाइन डे हिन्दुस्तान की संस्कार और संस्कृती को दुषीत कर रहा है क्या लेखक ये बता सकते हैं क्या अगर उनकी बहन उनके सामने कीसी लड़के के साथ उनके सामने में किस करे और अपने प्यार का इझहार करे तो उन्हें कैसा महसुस होगा। कृप्या जबाब जरुर दें।
hindu chetna ji maine kahi bhi is bat ka samarthan nahi kiya hai ki vailentin ko prem divas k roop me manaya jaye, han maine ke ise manane ka najriya badla hai.ki aap ise dusre roop me mana sakte hai.
vailentine set ne apne prem nahi balki dusaron ke prem k liye balidan diya hai.
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