ब्लॉग स्वतंत्र विचार अभिव्यक्ति का सशक्त माध्यम है और पूर्ण स्वतंत्रता के साथ अपनी बात सबके सामने रख सकते है . ब्लॉग के माध्यम से ब्लॉग के माध्यम से ब्लागरो मे आपसी सम्बन्ध स्थापित होते है और एक दूसरे को समझने जानने का अवसर भी प्राप्त होता है .
जब एक साल पहले मैंने ब्लॉग लिखना प्रारम्भ किया सोचा करता था यह सब बकबास है और अपना समय ख़राब करना है . एक दिन मेरे ब्लॉग मे पहली टिप्पणी आई कि भाई मै जबलपुर का हूँ आप भी जबलपुर के है अपने अच्छा लिखा है और आप जबलपुर के बारे मे अधिकाधिक ब्लॉग मे लिखे . यह टीप " उड़नतश्तरी " जी ने दी थी फ़िर सोचने लगा कि " उड़नतश्तरी " महाराज है कौन ? खोज बीन मे पता चला कि आप जबलपुर संस्कारधानी के निवासी है और कनाडा मे विगत दस सालो से निवासरत है और दुनिया मे हिन्दी ब्लागिंग जगत के जाने-माने प्रमुख स्तम्भ है जिनकी पोस्ट और टिप्पणियां ब्लागिंग जगत मे धूम मचा देती है .
समीर जी मेरे ओरकुट मे भी मित्र है . दीवाली के बाद संदेश मिला कि मैं जबलपुर आ रहा हूँ आपसे मुलाकात होगी . फोन मोबाइल नम्बरों का आदान प्रदान हुआ . जब समीर जी कनाडा से मुबई आये तो एक दिन मुझे उनका फोन मिला महेन्द्र भाई मैं जबलपुर आ रहा हूँ जबलपुर आने पर उन्होंने फोन किया मैं जबलपुर आ गया हूँ . मैंने तत्काल ब्लॉगर भाई गिरीश बिल्लौरे जी को भाई समीर के आगमन कि सूचना दी . ब्लॉगर भाई विजय तिवारी जी के जन्म दिन के अवसर पर मिलना निश्चित किया गया . करीब ६ बजे शाम को समीर जी का फोन मिला कि मैं इस समय जबलपुर मे बल्देवबाग मे हूँ आप आ जाए मैं दस मिनिट के पश्चात बल्देवबाग क्रासिंग पहुँच गया . भाई समीर जी से मुलाकात हुई . समीर जी से मेरी पहली उनसे यादगार मुलाकात थी जिसका जिक्र मैं अपनी पहली कि पोस्ट मे कर चुका हूँ .
जबलपुर शहर के हिन्दी ब्लॉगर भाई पंकज स्वामी "गुलुश" के प्रयासों से विश्व रंगमच दिवस के अवसर पर हिन्दी साहित्य और हिन्दी ब्लॉग विषय पर भाई समीर लाल जी ने उदगार व्यक्त किए और हिन्दी ब्लॉग जगत से अधिकाधिक जुड़ने की अपील की . यहाँ उनसे मेरी मुलाकात हुई .
रविवार को हनुमान के दिन दर्शन करने मे मैं बाइक पर नगर भ्रमण कर रहा था . घूमते घूमते ठीक दस बजे सुबह मैं भाई समीर के घर उनके साक्षात् दर्शन करने पहुंच गया . भाई समीर जी से मुलाकात हुई करीब उनसे आधा घंटे तक हिन्दी ब्लागिंग के बारे मे बातचीत की और मैंने अपने ब्लॉग " सफल प्रहरी " मे यह जानकारी दी कि और बताया अपने पिता द्वारा ३९ वर्षो वर्षो पूर्व लिखित पुस्तक " भारत के वीर जवान " को देने का प्रयास कर रहा हूँ . काफी उन्होंने सराहना की . मुझे सुझाव भी दिए और कहा कि नेट पर प्रेमचंद जैसे किसी भारतीय उपन्यासकार के उपन्यास को प्रकाशित करने की कोशिश करना चाहिए . फोन पर तो बात कई उनसे हुई है .
कल रात्रि के समय और आज दिन पर टेलीफोनिक जानकारी मे आज बताया कि भाई महेन्द्र आज मैं मुम्बई निकल रहा हूँ आपसे फ़िर नवम्बर माह मे मुलाकात होगी . भाई समीर जी का स्वभाव सरल मधुर है मिलनसार है . हमेशा नव ब्लागरो को प्रोत्साहित करते है और उनका उत्साहवर्धन करते है . मैंने अनुभव किया है कि अति व्यस्तता के चलते और अपने परिवार को अपने साथ लिए समीर जी का व्यक्तित्व और कृतित्व हिन्दी ब्लॉग जगत के लिए पूर्ण रूप से समर्पित है और हिन्दी ब्लॉग जगत के विकास के लिए वे हमेशा चिंतन करते रहते है .
समीर जी जिन्होंने हिन्दी ब्लागिंग जगत को एक दूसरे से जोडा है और आपस मे भाई चारा भी स्थापित करने मे महत्वपूर्ण योगदान दिया है . ब्लागिंग जगत के हस्ताक्षर जबलपुर संस्कार धानी के लाल भाई समीर लाल जी " उड़नतश्तरी " ने अपने ब्लॉग लेखन से इस शहर को गौरंवान्वित किया है मुझे और जबलपुर शहर के सारे ब्लागरो को उन पर नाज है . समीर भाई आपसे फ़िर मुलाकात होगी आपकी यात्रा मंगलमय हो ...........
3 comments:
समीरजी की इच्छायें पूरी करने की दिशा में शुरुआत करें।
समीर जी के व्यक्तित्व के अलग पहलू दिखाने के लिये धन्यवाद।
samreerlal ki ek bahut achchhe insaan hai, vo har vyakti ke saath prem jatate hai.
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