09 April 2008

दूध घर मे बनाइये

दूध घर मे बनाइये
जबलपुर शहर मे इन दिनों दूध के बढ़ते मूल्य के कारण भारी खलबली मची है हर कोई अपने अपने ढंग से दूध के दामो मे हो रही बढोतरी के ख़िलाफ़ विरोध के स्वर गुंजित कर रहे है . गरीब परेशान है कि वे अपने नन्हें मुन्नों को उनका आहार दूध कैसे उपलब्ध करा पावेंगे तो राजनीतिक स्वर विरोध कर रहे है अपना उल्लू सीधा करने के लिए उन्हें तो सिर्फ़ वोट से मतलब है भाड़ मे जाए गरीब और बच्चो का आहार दूध .
दैनिक भास्कर समाचार पत्र पढ़ते पढ़ते एक लेख देखा " घर मे बनाइये दूध " जिसके लेखक तरूनेद्र सिह चौहान जबलपुर है बहुत अच्छा लगा कि इस भीषण महगाई मे जब दूध के रेट बढ़ रहे है और जब दूध का कृत्रिम अभाव हो जाता है तो आप विकल्प के रूप मे घर मे दूध तैयार कर सकते है . लेख के अंश आपको प्रस्तुत कर रहा हूँ आशा यह आपको पसंद आवेगा और यह दूध स्वास्थ्य के लिए हितकर है .अब दूध के लिए दूध वाले से मिन्नत करने की जरुरत नही है और न ही पानी मिले दूध से सेहत से खिलवाड़ करने की जरुरत है .यह दूध दूध की तरह सौ प्रतिशत शुध्ध है और सोयाबीन से बनाया जा सकता है .
बनाने की विधि - एक किलोग्राम सोयाबीन से ८ लीटर दूध तैयार किया जा सकता है . एक किलोग्राम सोयाबीन से सरे परिवार की सेहत मे चार चाँद लग सकते है . सोया दूध मे लैक्टोज इन्टौलारेंस पाया जाता है जो बच्चो के लिए बेहद लाभदायक है . पहले सोयाबीन के दानो को फुला ले फ़िर दानो को फूल जाने के बाद पीस ले फ़िर पीसे हुए धोल को छान लिया जाता है और तरह मात्रा का उपयोग दूध की तरह किया जाता है और शेष अवशिष्ट अलग कर दिया जाता है . शर्त यह कि सोयाबीन के दाने पुष्ट होना चाहिए .
किसमे कितना दम - दोनों के दूध का पौष्टिक तुलनात्मक अध्ययन किया जाए दोनों लगभग बराबर है . सामान्य दूध मे प्रोटीन की मात्रा १८ से २० प्रतिशत है तो सोया दूध मे १४ से १८ प्रतिशत तक प्रोटीन होता है . सामान्य दूध मे वसा २० से २२ फीसदी रहता है तो सोया दूध मे ४ से ५ फीसदी रहता है . सामान्य दूध मे आयरन १ मिलीग्राम है तो सोया दूध मे ३ मिलीग्राम रहता है . सामान्य दूध मे नमी ५० से ५५ प्रतिशत मौजूद रहती है तो सोया दूध मे ७० से ७५ प्रतिशत नमी मौजूद रहती है . केवल स्वाद महक को छोड़ दिया जावे तो यह पौष्टिकता और गुणबत्ता के मामले मे यह दूध भैस और गाय के दूध से कम नही है .
हांलाकि बहुत कम लोगो को इसकी जानकारी है इसलिए इसका उपयोग कम हो रहा है . दूसरा कारण यह है कि दूध की अभी तो खैर उपलब्धता है इसीलिए सोयाबीन के दूध का विकल्प के रूप मे कम इस्तेमाल हो रहा है .

1 comment:

Pramendra Pratap Singh said...

बेहतरीन जानकारी है,


क्‍या इससे चाय भी बन सकती है ?