14 May 2008

यह आतंकवाद के भूमंडलीय करण की लपटें हैं.जो तेल के कुओं के इर्दगिर्द से घूमतीं हुई जयपुर तलक आ गई ...!

मेरा उत्तर:-वास्तव में मुम्बई भी इसका शिकार थी, विश्व में कोई भी धर्म आतंक वादी तरीके से स्थायित्व नहीं पा सका इस बात के कई उदाहरण हैं.
मेरे हिसाब से तिजारत और सियासत दौनों ही जिम्मेदार हैं......इसके लिए............!
आप क्या सोचातें है...?

5 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

आपसे सहमत हूँ, पर एक बात कहना चाहूँगा कि आंतकवाद की जड़े मानवता विरोधी ताकतों से जुडी हुई है।

आंतकी हमलों का मकसद दहशत फैलना होता है, पर वे हमेंशा नाकाम हो रहे है न मुम्‍मई कभी रूकी न अब जयपुर रूकेगा।

Girish Kumar Billore said...

क्या तिजारत और सियासत दौनों ही जिम्मेदार हैं......इसके लिए............!
आप सोचतें है...?

Unknown said...

जब तक सत्तासीन लोग सत्ता के लालच के पीछे किसी हद तक गिरते रहेंगे, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी...

Unknown said...

हमारे सुरक्षा तंत्र के भीतर तक देशद्रोही घुस चुके हैं....

samagam rangmandal said...

भूमण्डलीय करण के युग में कुछ भी आंचलिक,राष्ट्रीय नहीं रहा...सब कुछ वैश्विक हो रहा है........आतंकवाद और उसके कारण भी..।