आने वाली है दिवाली
उसके पहले ही होगी जेबें खाली
धनतेरस पर धन जाये
एक खरीदे कंगन अगूठी
मुफ्त पायें।
बीबी की जिंद
बच्चों के कपड़े करते हैं कंगाल
हाय ये मौसम और ये त्योहार
खुश हूँ मैं भी ये दिखता है सब को
अन्दर ही अन्दर दुखता दिल है
और चुप मैं हूँ
करता हूँ मैं अब यही कामना
जाये ये त्यौहार
छूटे जेब का भार
4 comments:
bahut sahi
regards
भाई के शादी में जेब और भी ढ़ीली होगी, सोना सस्ता हुआ है कुछ खरीद लीजिए :)
सही है जी. महाशक्ति की बात मानो, सोना खरीद लो. :)
बहुत अच्छा !
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