अर्पित हूँ अर्पिता को,
अर्चित हूँ अर्चिता का।
मंद हूँ मंदिता से,
नंद हूँ नंदिता का।।
स्नेह है स्नेहा से,
नेह हूँ नेहा का।
पूजा का पुजारी हूँ,
हुस्न का भिखरी हूँ।।
गर्व हूँ गर्विता का,
हर्ष हूँ हर्षिता का।
ऋतु का दीवाना हूँ,
नरगिस से बेगाना हूँ।।
राजा हूँ रानी का,
शिव हूँ शिवानी का।
अनुपम हूँ अनुपमा का।।
राम मै हूँ रमा का,
विद्वान हूँ विद्या से।
नित्य ही नित्या से,
प्रेम करता हूँ ख्वाब में।
गले लगा कर सबकी यादें,
जहर मिला लूँ शराब में।।
3 comments:
aachi rachana hai.likhate rhe.
काफी अच्छा लिखा है, काफी लडकियों के दीवाने हो :)
प्रेम करता हूँ ख्वाब में।
गले लगा कर सबकी यादें,
जहर मिला लूँ शराब में।।
idhar thoda asahmat hoon
kyonki mere soch ishq sareaam karo
pooj kabhi chhip ke nahee kee jati
BADHAIYAA SWEEKAARIE JI
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