आप सभि लोगोन को नेताजी के जन्म्दिन कि हर्दिक बधाई १ किन्तु मुझे अत्यन्त अफ़्सोश के सथ कह्न पद रह है कि मेरे अधिक्तर मित्रों को उस सच्चे देश्भक्त के जन्म्दिन के बारे मैं मलूम ही नहीं होता १ हमैं २ अक्टूबर और १४ नवम्बर के अल्लव शायद हई किसे देश्भक्त का जन्म्दिन पत हो. मुझे अत्यन्त दुख होत है जब लोग कहते हैं कि हमैं नही पता ! जिस गान्धी और नेहरू ने देश को खरीद लिय क्या उस एश के देश्वसियोन के दिल मैनं भी नेताजी के लिये कोइ जगह नहीं.? जिन गान्धी और नेहरू ने अपअने निजी स्वार्थ के लिये नेताजी के खिलफ़्फ़ क्या क्या सद्यन्त्र रचे उस गन्धी को भी एक दिन कहना पदा कि नेताजी एक अद्वितीय रास्त्रभक्त थे. हमारे कितने देशवासियों को मलूम है कि अन्ग्रेजोन ने भारत चोदते समय शर्त रखी थी कि अगर नेताजी कभी ज़िन्दा य मुर्द मिल्ते हैं तो भारत उन्हैं ब्रिटिश को दे देगा और इस गन्धी और नेहरू ने ये शर्त मान ली ! और खरिद लिय अन्ग्र्जो> से देश को ! आज बन गया है गान्धी का देश जहां चारों तरफ़ गान्धी की फोतो दिखेगी क्य्योन्कि उसने ख्री द लिया इस देश को देश्भतूं कि कीमत पर???????
मुखर्जी आयोग की रिपोर्ट इसी लिये नही खोली गयी कि अगर वो खुलती तो गान्धी और नेहरू से लेकर सोनिआ तक सब कत्घरे मैन खदे होते ! लेकिन प्रश्न यहां यह उथत है कि कब तक हम नेताजी को भुलाते रहैन्गे और गांधी और नेह्रू के देश मैं नेताजी और भगत सिन्घ जैसे लोगोन क अपमन होत रहेगा ! कया यही आज़दी है ! मेरे अनुसार तो ह्म गांधी के गुलाम ज्यदा है और देश भक्त कम !
किन्तु आज फ़िर भी मुझे खुशी है कि आज क युव वर्ग कुच सोच्ने लग है नेतजीए के बरे मैं , जानना चाह्ता है गन्धी की हकीकत ! आज उनके जन्म्दिन पर हमैं उनको आदर्श मान्कर देश के लिये आगे आन होगा नही तो देश को फ़िर से बेच दिय जायेगा!!!
जय हिन्द
1 comment:
लिखने के बाद एक बार प्रूफ़ रीड करना अच्छा रहेगा आपके लिये, वर्तनी की बहुत ज्यादा अशुद्धियाँ हैं इस लेख में,
दूसरा, नेताजी के बारे में लिखने के लिये गाँधी और नेहरू को बुरा भला कहना एक शर्त है क्या?
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