देश काले च पात्रे च तद्दानं सात्विक स्मृतम्।। श्री म.भ.गीता 17/20
दान देना ही कर्त्तव्य है, ऐसे भाव से जो दान देश तथा काल और पात्र के प्राप्त होने पर अउपकार न करने वाले के प्रति दिया जाता है, वह दान सात्विक कहा गया है।
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