netaji :- देवदास
पुनीत ओमर : छुपा-रुस्तम,
Varsa Singh : अब क्या मिसाल
Tara Chandra Gupta : तारे चन्द्रमा की वजह से supt
maya :महा ठगनी हम जानी,
अरुण ,क्या बात है...
Kavi Kulwant : आए तो छाए,
राज कुमार : मन भाए मूड न लागे,
anoop : खरपतवार,
TARUN JOSHI "NARAD": नकद,नारायण-नारायण,
मनोज ज़ालिम "प्रलयनाथ" : जालिम लोग ही प्रलय लातें हैं...?
हिन्दु चेतना : जगह न पाए,
तेज़ धार : कर रहा हूँ,
Manvendra Pratap Singh , नाम बडे दर्शन...?
Vishu :बारहवां खिलाड़ी
SWAMEV MRIGENDRATA : झंडा ऊँचा रहे तुम्हारा,
देवेन्द्र प्रताप सिंह : प्रेम प्रताप पतियाले वाला,
Suresh Chiplunkar : मुन्ना भाई के सर्किट,बोले तो....?
mahashakti : तेज़ हवाओं से बचने की कोशिश में .
Ruchi Singh : अरुचिकर ब्लॉगर,
मिहिरभोज : कभी किसी रोज़ ,
अभिषेक शर्मा : हया यक लखत आयी और शबाब....आहिस्ता....
रीतेश रंजन : कभी तो मिलेगी,
neeshoo : कोई जब तुम्हारा...तोड़ दे
Abhiraj : अभी,राज़ रहने दो
आशुतॊष : कलयुग की रामायण,
गिरीश बिल्लोरे 'मुकुल': जो कहना था कह दिया अब ऊपर वाले के हाथ मे है.....
6 comments:
क्या मिलेगी ?ये बताने का कष्ट करें
होली की बहुत बहुत शुभकामनाऍं, हम भी बुरा नही मानेगे क्योकि होली है :)
गिरीश बिल्लोरे - जो कोई बोले ये भक्क से मुँह खोले।
हिन्दु चेतना : जगह न पाए,
कन्नूर में कम्युनिस्ट पार्टी के द्वारा खेली गई खुन
की होल, मानवता का हनन के विरोध केरल में मारे गये अपने भाई के शोक में होली नही मना रहा हू और कम्युनिस्ट पार्टी (लाल तालिबान) का हिन्दुस्तान का तालिबानी करण के विरोध में होली नही मना रहा हू
HIRANYKASHYAPO KO ANT TAY HAI,
दधि मथ माखन काढ़ते,जे परगति के वीर,
बाक-बिलासी सब भए,लड़ें बिना शमशीर .
अब तो गांधी आपको, आते हैं क्यों याद
क्या विचार की चुक गई परगति वीरो खाद.
धर्म पंथ मध्यम बरग,विषय परगति को भाय
उसी थाल को छेदते जिसमें भोजन खाय.
INAKEE KUTIL KARTOOTON KAA REKHAA CHITR LAGATAA HAI
AAP HOLI N MANAAEN ,SANSKRITI SE DOOR RAHEN INAKAA LAKSHY HAI AAP YE KAREN GE TO YE JEET MAANEGE
AAIYE HAM INAKE ANT KEE KAMANA KAREN
बहुत बढ़िया होली पर्व की आपको रंगीन हार्दिक शुभकामना
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