28 November 2009
गिरीश जी महाशक्ति समूह की ओर से बधाई स्वीकार कीजिए
आज उनके जन्मदिवस पर महाशक्ति समूह के समस्त सदस्य उनके दीर्घायु होने की कामना करते है। पिछले साल हमने जन्मदिवस पर बधाई पोस्ट दी थी किन्तु मुम्बई में हुये आतंकवादी हमले के कारण वे अपना जन्मदिवस न ही मनाया। इस बार हम कोई कमी नही छोडेगे।
25 November 2009
शपथ लो अब कोई हेमंत करकरे
उस शरीर को जो धर्म के नाम पर आतंक मचाये
रेत के किलों से डहा दो
उन महलों को जहां से
उगतीं हैं धर्मांध पौध...........!
कोई पाप न होगा अगर तुम एक बार बचा लोगे
एक करकरे को
तुम जो नि:शब्द खड़े
धर्म के मामलों पर कुतर्क
सुन लेते हो
तुम जो खिड़कियाँ बंद कर व्यवस्था को गरियाते हो
तुम जो सुबह दफ्तर जाते हो
तुम जो सड़क पर गिरे घायल को
अनदेखा कर निकलते हो...
छोड़ दो ये चमड़ी बचाने की आदत
उठो हुंकारों शंखनाद करो नि:शब्द में शब्द भरो
फहरा दो विश्व में शान्ति का परचम
बहकाने न दो बच्चों के कदम
सिखाओ मानव धर्म
बेशक कठोर हो जाओ जब देश की प्रतिष्ठा को कोई आंच आए
विश्व का अंत करने वाली सोच का सर कुचल दो
शान्ति द्रोहियों को ठीक वैसे ही मारो जैसे
एक बन्दर सांप का सर पकड़ कर तब तक रगड़ रगड़ के मारता है जब तक उसका अंत न हो जाए
कोई अपराध नहीं है साथ दो हौसला दो वीरों को
शपथ लो
अब कोई हेमंत करकरे अकारण न शहीद होगा
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हेमंत करकरे (जन्म १९५४-२६ नवंबर २००८) मुंबई के आतंक विरोधी दस्ते के प्रमुख थे। वे २६ नवंबर २००८ को मुंबई में हुए श्रेणीबद्ध धमाकों और गोलीबारी का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हुए। हेमंत करकरे १९८२ बैच के आईपीएस अधिकारी थे। नागपुर के विश्वेश्वर रीजनल इंजीनियरिंग कॉलेज से इंजीनियरिंग की डिग्री लेने वाले करकरे ने डॉ. केपी रघुवंशी से मुंबई एटीएस के प्रमुख का पदभार ग्रहण किया था।
करकरे ने चंद्रपुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी काम किया था। नॉरकोटिक्स विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने पहली बार विदेशी ड्रग्स माफिया को गिरगांव चौपाटी के पास मार गिराने का कारनामा कर दिखाया था।[१] वे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के लिए ऑस्ट्रिया में सात साल तक अपनी सेवाएँ देने के बाद इसी साल महाराष्ट्र कैडर में वापस लौटे थे। इसके तत्काल बाद ही जनवरी में उन्हें एटीएस प्रमुख बनाया गया था। वे इन दिनों २९ सितंबर ०८ को मालेगांव में हुए बम विस्फोट की गुत्थी सुलझाने में जुटे हुए थे। मुंबई पुलिस ने हेमंत करकरे के रूप में एक जांबाज और दिलेर अधिकारी खो दिया है। स्वभाव से बेहद शांत और संयमी करकरे पुलिस महकमे में अपनी ईमानदारी और निष्ठा के लिए जाने जाते थे।
विकी पीडिया से साभार मूल स्रोत : दैनिक भास्कर
एक पेड़ काटने पर सौ गायों का दंड
उन्होने बताया कि कुछ समय पूर्व इसी सन्दर्भ में एक लघु लिख जो केशव संवाद साप्ताहिक पत्रिका में छपा था, जिसमें देश सूडान में एक पेड़ काटने पर सौ गाय दंड स्वरप देनी पड़ती हैं तथा वहां गाय एवं पेड़ों को सरकार द्वारा पूरा सरंक्षण दिया जाता है। आप इस लघु लेख को यहाँ पढ़ सकते है।
इस मैटर को स्पष्ट पढ़ने के लिये, मैटर पर क्लिक करे।
18 November 2009
“ नारी ” तू हैं बड़ी महान
भारत में धर्म एक ऐसा पहलू है जिस पर अक्षेप करना बहुत ठीक नही समझा जाता है, धर्म के नाम पर गलत बयान बाजी करना निहायात ही संक्रीर्ण विचारधारा की ओर इंगित करता है। मेरे पिछले दो लेख अल्लाह की शक्ति का अतिक्रमण करता भारतीय संविधान, कठमुल्लों फतवा जारी करो और इस्लाम का संदेश आतंक मचाओ हूर मिलेगी मे मैने पाया कि मैने तथ्य परक बातें ही रखी थी, जो सही थी किन्तु मुस्लिम सम्प्रदाय के लोगो का कहना था नही ऐसा नही है, हम बिल्कुल पाक-साफ है, दोष तो तुम्हारे अंदर ही है।
एक सज्जन एक बड़ी सी आधी-अधूरी श्लोको की पोटली ले आये और बताने लगे कि हिन्दू धर्म मे भी आतंक की परिभाषा निम्न प्रकार से दी गई है किन्तु वह मित्र उन श्लोको का ठीक ढ़ग से अध्ययन करना भूल गये कि उसने आतंक के नाश की परिभाषा है न कि आतंक की जैसा कि इस्लाम मे कि आतंक मचाओ हूर मिलेगी। हिन्दू धर्म तो सर्व धर्म सम्भाव की बात करता है हमारे यहाँ पर्नजन्म की व्यवस्था है जिससे व्यक्तियों मे यह भय रहता है कि अमुख पाप करने से हमें अगले जन्म में निम्न योनि जन्म मिलेगी तथा अच्छे कृत्य से वैकुंठ की प्राप्ति होगी। इस प्रकार की मान्याताओ के कारण लोग गलत काम को करने से डरते है किन्तु मुस्लिम धर्म में तो इस प्रकार व्याख्या की गई अमुख काम दो नही तो अल्लाह नाराज हो जायेगा। स्त्रियों के विषय में ऐसी ऐसी बातें लिखी गई है जो उन्हे निम्न स्तर की प्राणी के रूप में ले जाता है। जबकि हिन्दू धर्म में नारी को सर्वोच्च स्थान दिया गया है।
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राsफला क्रिया:।। मनुस्मृति 3-56
अर्थात - जहाँ नारी का आदर होता है, वहाँ देवता रहते है जहाँ उनका आदर नही होता है, वहाँ सारे काम निष्फल होते है।
शोचयन्ति जामयो यत्र विनश्यत्याशु तम्कुलम्।
न शोययन्ति तु यत्रैता वर्द्धते तद्धि सर्वदा।। मनुस्मृति 3-57
अर्थात - जिस कुल में नारियों को कष्ट होता है, वह कुल शीघ्र ही नष्ट हो जाता है। जहाँ नारियाँ सुखी रहती है, वह कुल सदैव फलता फूलता है।
जामयो यानि गेहानि शन्त्य प्रति पूजिता:।
तानि कृत्याहतानीव विनश्यन्ति समन्तत:।। मनुस्मृति 3-58
अर्थात- उचित सुख और मान न पाकर जिस कुल को नारियाँ शाम देती है, वह कुल नष्ट हो जाता है।
मनुस्मृति की उपरोक्त श्लोक न सिर्फ हिन्दू धर्म में स्त्रियों की स्थिति को दर्शाते है बल्कि पुरूषो को भी इस प्रकार के कृत्य करने का निर्देश देते है कि नारियों के अपमान से देवता भी दूर हो जाते है। हिन्दू समाज में नारियों की पूजा सदैव रही है, मुगलो के अगमन के समय में मुगलो के अत्याचार के परिणाम स्वरूप हिन्दू धर्म में स्त्रियों के सम्बन्ध में कुरीतियो को समाना करना पड़ा, इसका कारण भी था, रानी पद्मावती स्त्रियॉं जो अपनी लाज की रक्षा करने के लिये जौहर कर सही और कुछ इस्लामिक कट्टरवाद की शिकार हुई इसका प्रभाव आज भी मुसिलम समाज में स्त्रियों की दशा देखने पर मिल जायेगा।
मेरी पंसद
वाह..नारी तेरी अजब हैं कहानी...
दूसरों को खुशी देकर तू खुश हो जाती...
कभी न खोई ममता तूने, कभी न देखा तूने स्वार्थ...
ममता की एक महान मूरत हैं तू...
इस दुनिया की एक सूरत है तू...
दुनिया तुझको शीश नमाती...
हर धर्म की पहचान हैं तू...
और हर घर की जान हैं तू...
"माँ" के इस उँचे पद पर आसीन है तू...
नारी बड़ी महान हैं तू...
नारी बड़ी महान हैं तू।
11 November 2009
सनातन धर्म ही शेष रहेगा
ऋषियों का धर्म, सनातन धर्म - अनन्त काल से है और रहेगा। इस सनातन धर्म के भीतर निराकार,साकार सभी प्रकार की पुजाएँ है। ज्ञानपथ,भक्तिपथ सभी है अन्य जो समप्रदाय है, वे आधुनिक है l कुछ दिन रहेंगे, फिर मिट जायेंगे। ----------श्री रामकृष्ण परमहंस
06 November 2009
महाशक्ति के 10 साल
पहली बार 2003 में हमने अपनी कार्यकारणी गठित की थी। तब हम अध्यक्ष बने थे, अभिषेक वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राजकुमार उपाध्यक्ष और जयप्रकाश को महासचिव बनाया गया था।
महाशक्ति को लेकर र्निउद्देश 2006 को चिट्ठकारी की दुनिया में प्रवेश किया, 2007 में महाशक्ति समूह भी बनाया। इन 10 सालो में महाशक्ति के साथ मध्यमिक स्तर के छात्र से कब पोस्ट ग्रेजुएट हो गया पता ही नही चला। हम महाशक्ति के सदस्य जब भी मिलते है तो 1999 के दिन याद आ जाते है, और वो बचपना भी।
आज के दिन महाशक्ति से जुड़े अपने सभी सभी मित्रो को याद करना चाहूँगा।
सर्व प्रथम कक्षा 9-10 के मित्र अभिषेक शर्मा, आशीष सिंह, नवनीत तिवारी, दौलत राम, विक्रेन्द्र, राजकुमार, जय प्रकाश, संजू जोशी, विनीत सिंह, विवेक मिश्र, बृजेश साहू।
कक्षा 11-12 में- ताराचंन्द्र गुप्त, सुबोध कुशवाहा,
स्नातक में- जीतेश सिंह, वीरेन्द्र नाथ, शिव कुमार गुप्ता, लव कुमार गुप्ता
परास्नातक में - पवन यादव
लॉ - देवेश श्रीवास्तव, फूलचन्द्र पाण्डेय, अखिलेख श्रीवास्तव, इन्द्रेश।
कुछ ऐसे लोग जो अपने आप जुडे- कामता प्रसाद पाल, विशाल मिश्र, अनुपम सिंह
ब्लाग की दुनिया में तो आप सभी का प्यार तो मुझे मिल ही रहा है, अब नाम लेने लगूँगा तो बहुत लम्बा हो जायेगा और कुछ न कुछ नाम छूट ही जायेगे।
आज अपनी बात खत्म करता हूँ, सभी मित्रो तथा सदस्यो को बहुत बहुत, महाशक्ति के स्थापना दिवस की बहुत बधाई।