ऋषियों का धर्म, सनातन धर्म - अनन्त काल से है और रहेगा। इस सनातन धर्म के भीतर निराकार,साकार सभी प्रकार की पुजाएँ है। ज्ञानपथ,भक्तिपथ सभी है अन्य जो समप्रदाय है, वे आधुनिक है l कुछ दिन रहेंगे, फिर मिट जायेंगे। ----------श्री रामकृष्ण परमहंस
सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना भी इसके अनुयाइयों का कर्तव्य है. केवल आत्ममुग्धता से काम नही चलेगा.सनातन धर्म की शिक्षा अपने समुदाय को भी देनी चाहिए जो अपने धर्म के सही स्वरूप को जानता ही नही इसी लिए लोगों के बहकाने में आकर अपने ही धर्म की मुखालिफ़त करता है.
4 comments:
बिल्कुल सही कहा है भगवान श्री रामकृष्ण परमहंस जी ने।
सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करना भी इसके अनुयाइयों का कर्तव्य है. केवल आत्ममुग्धता से काम नही चलेगा.सनातन धर्म की शिक्षा अपने समुदाय को भी देनी चाहिए जो अपने धर्म के सही स्वरूप को जानता ही नही इसी लिए लोगों के बहकाने में आकर अपने ही धर्म की मुखालिफ़त करता है.
jo saty sanatan hai vahee shesh hoga
मैं जो कहना चाहता हूँ वो मीनू जी ने पहली ही कह दी है |
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