16 November 2010

“सरकारों को भर्ती एवम मूल भूत नियमों फ़ौरन निम्न अनुसंशाओं सहित बदलाव लाना चाहिये”



                                 पिछले कई दिनों से अंतर्ज़ाल पर सक्रियता के कारण मेरी पृथ्वी से बाहर ग्रहों के लोगों से दोस्ती हो गई है. इनमें से एक ग्रह का सरकारी-सिस्टम पूर्णत: भारतीय सिस्टम से प्रभावित है. किंतु वहां के भर्ती एवम मूलभूत नियमों में भारतीय सिस्टम से ज़्यादा क़ानूनी होने की वज़ह से  प्रभावशाली हैं.  कारण यह है कि वहां की शैक्षिक व्यवस्था में प्राथमिक शालाऒं से ही चुगलखोरी,चापलूसी, का पाठ्यक्रम व्यवहारिक एवम प्रायोगिक स्वरूपों में लागू है.मेरा उस ग्रह का निवासी मित्र अक्सर मुझे अपने ग्रह के लोगों की बातें ऐसे बताता है गोया चुगली कर रहा हो. एक बार मैने पूछा:-यार, कारकून तुम अक्सर सबकी चुगली ही करते नज़र आते  हो ? क्या वज़ह है..?
                        कारकून:-“भैया हमारे ग्रह पर चुगली एक धार्मिक कृत्य है, जिसका पालन न करने पर हमें सिविल सेवा आचरण नियमॊं के तहत दण्डित तक किया जा सकता है सरकारी दण्ड का भय न भी हो तो हमारा भूलोक जिस ’चुगलदेव’ के धर्म का पालन कर रहा है उसके विपरीत कार्य करके हम अपना अगला जन्म नहीं बिगाड़ सकते…!”   
इस प्रकार के “धार्मिक-सह-सरकारी, दायित्व” के निर्वाह के लिये तुम लोग क्या करते हो ?
कारकून:-“कुछ नहीं,बस सब हो जाता है चुगलदेव महाराज़ की कृपा से. मां को शिशु के गर्भस्थ होते ही “चुग्ल्यन संस्कार” से गुज़रना होता है. उसकी बराबरी की बहुएं उस महिला के इर्द गिर्द बैठ कर एक से एक चुगली करतीं है.घर के आंगन में पुरुष चुगल-चालीसा का पाठ करतें हैं. पूरा घर चुगलते मुखों के कतर-ब्यों से इस कदर गूंजता है जैसे आपके देश में मच्छी-बाज़ार .
मैं:- फ़िर क्या होता है..?
कारकून:- क्या होता है, मेजवान खिलाता-पिलाता है,
मैं:- और क्या फ़िर,
कारकून:- फ़िर क्या होगा, आपके देश की तरह ही होता है. उसके खाने-खिलाने के सिस्टम पर लोग मेजबान के घर से बाहर निकलते ही चुगलियां चालू कर देते हैं. यदि ये न हुआ तो बस अपसगुन हो गया मानो. बच्चा समाज और संस्कृति के लिये  घाती माना जावेगा .
मैं:- बच्चे का क्या दोष वो तो भ्रूण होता है न इस समय..?
कारकून:- तुम्हारे देश का अभिमन्यु जब बाप की बातें गर्भ में सुन सकता है तो क्या हमारे देश का भ्रूण समाज और संस्कृति के लिये घातक प्रभाव नहीं छोड़ सकता.  
                          अभिमन्यु के बारे में उससे सुनकर अवाक हो गया था किंतु  संस्कृति के अन्तर्गृहीय-प्रभाव से हतप्रभ था. अच्छा हुआ कि नासा के किसी साईंटिस्ट से उसने दोस्ती न बनाई वरना  ओबामा प्रशासन अन्तर्गृहीय-संचरण एवम प्रभाव के विषय के ज़रिये  रास्ता निकाल पचास हज़ार अमेरिकियों के लिये जाब के जुगाड़ में निकल जाते. हमारे देश में तो पत्ता तक न हिलेगा इस कहानी के छपने के बावज़ूद. हमारा देश किसी संत-कवि पर अमल करे न करे मलूक दास के इस मत का अंधा भक्त है है कि:-“अजगर करे न चाकरी….सबके दाता राम ”-इसे हर मतावलम्बी सिरे से स्वीकारता है कि ऊपर वाला ही देता है. सभी को अत: कोई काम न करे. जैसे अजगर को मिलती है वैसे…..सबकी खुराक तय है.
मैं:-भई कारकून,ये बताओ… कि तुम्हारे गृह पर कितने देश हैं.
कारकून:-हमारा गृह केवल एक देश का गृह है . पूरी भूमि का एक मालिक है राजा भी भगवान भी कानून भी संविधान भी वो है राजा चुगलदेव .
मैं:- तो युद्ध का कोई खतरा नहीं.
कारकून:- काहे का खतरा न फौज़ न फ़ाटा,न समंदर न ज़्वार-भाटा.
             बहुत लन्बी बात हो गई  अब फ़िर मिलेंगे मुझे चुगल-सभा का न्योता मिला है. कुछ बच्चों को मैं चुगली की ट्यूशन दे रहा हूं सो अब निकलना होगा.
मैं:-अच्छा, फ़िर कल मिलते हैं
कारकून:-पक्का नहीं है कल “चुगती-योग्यता-परीक्षा” है दफ़्तर में फ़ेल हुआ तो इन्क्रीमेंट डाउन हो जाएंगें. कभी फ़ुरसत में मिलते हैं.

04 October 2010

महंगा हुआ पर्यटन



टाईगर रिजर्व और पर्यटक स्थल के शुल्क बढ़े


जबलपुर। नेशनल पार्क, टाइगर रिजर्व सहित अन्य पर्यटक स्थलों के शुल्क बढ़ा दिए गए हैं। शासन ने समस्त टाइगर रिजर्व में हल्के वाहन (आठ व्यक्तियों तक) पर भारतीय पर्यटक के लिए एक हजार और विदेशी के लिए दो हजार फीस तय की है। मिनी बस (9 से 32 व्यक्तियों तक) पर घरेलू और विदेशी के लिए क्रमश: 1600 और 12 हजार रुपए शुल्क रखा गया है। इसी प्रकार अन्य संरक्षित क्षेत्रों में हल्के वान पर भारतीय के लिए 400 रुपए और विदेशी के लिए 1500 रुपए निर्धारित किया गया। मिनी बस पर क्रमश: एक हजार और 10 हजार रुपए रखा गया है।
पचमढ़ी व्यू प्वाइंट्स-
पचमढ़ी व्यू पाइंट्स में दो पहिया पर घरेलू के लिए 100 और विदेशी के लिए 600, हल्के वाहन में पांच से 10 पर्यटक पर भारतीय के लिए 250 से 300 और विदेशी के लिए 1500 रुपए है। वहीं पांडव फाल, स्नेह फाल एवं अन्य स्थानों के पर दो पहिया वाहन पर 40 रुपए घरेलू के लिए तो 200 रुपए रखा गया है। फॉसिल उद्यान में पैदल दर्शन पर देश के पर्यटकों से 10 प्रति व्यक्ति लिया जाएगा।
कैपिंग के लिए तीन सौ-
राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य में चिंहित अहातों में कैपिंग के लिए देशी पर्यटकों से 300 रुपए एक रात का लिया जाएगा। इसमें मार्गो पर ट्रेकिंग और साइकिलिंग शामिल है। हाइड मचान एवं वाच टावर से वन्य जीव दर्शन के लिए टाईगर रिजर्व में भारतीय पयटकों से 150 रुपए लिया जाएगा। रातापानी अभ्यारण्य में विश्व धरोहर स्थल भीमबेटिका के लिए प्रति व्यक्ति 10 रुपए है।
दौ सौ हुई हाथी की सवारी-
हाथी पर बैठकर बाघ एवं तेंदुआ दर्शन के लिए देशी पर्यटकों से 200 और विदेशियों से 600 रुपए प्रति व्यक्ति लिया जाएगा। एक हाथी पर चार व्यक्ति ही बैठ सकेंगे।

11 September 2010

नेशनल पार्क में घूमो पैदल

नेशनल पार्क और टाईगर रिजर्व में वाइल्ड लाइफ एडवेंचर का आनंद अब जिप्सी के साथ पैदल घूमकर भी लिया जा सकेगा। वन विभाग ने वनगश्ती में पर्यटकों को शामिल करने के उद्देश्य से प्रदेश के पार्को में ‘पैट्रोलिंग द टाइगर लैंड’ की व्यवस्था आरंभ की है। इसमें पर्यटक वनगश्ती में गार्ड के साथ घूम सकेंगे। इतना ही नहीं वे पैट्रोलिंग कैंप में आराम भी कर सकेंगे। इस दल में 12 वर्ष से कम आयु वाले बच्चों को शामिल नहीं किया जाएगा।
मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार ‘पैट्रोलिंग द टाइगर लैंड’ के लिए पार्क और अभ्यारण्य के गेट तथा निर्धारित स्थल पर पर्यटक अपना पंजीयन करा सकेंगे। जिसके बाद संबंधित अधिकारी वनरक्षकों की उपलब्धता के अनुसार पार्टी ट्रेक आवंटित करेंगे। बताया गया है कि पर्यटकों को नियमानुसार वाहन प्रवेश शुल्क के साथ पैदल भ्रमण के लिए अलग से फीस देनी होगी। एक बार की पार्टी ट्रेक में केवल चार सदस्य को शामिल किया जाएगा। यह सुविधा आगामी पर्यटन सत्र 16 अक्टूबर से लागू होगी।

06 September 2010

दिनेश राय द्विवेदी जी मेरा विरोध दर्ज करें…….

श्रीमान दिनेश जी


नमस्कार ...जो कह न सके ब्लोग पर परवेज शर्मा की फिल्म love for jihad की समीक्षा छपी है फ़िल्म का विषय है आज के वातावरण में विभिन्न देशों में मुसलमान समुदाय में समलैंगिक होने का अर्थ. फ़िल्म में भारत, मिस्र, दक्षिण अफ्रीका, पाकिस्तान, तुर्की, मोरोक्को जैसे देशों से मुसलमान समलैंगिक स्त्रियों तथा पुरुषों की कहानियाँ दिखायीं गयीं हैं. यह अपनी तरह की पहली फ़िल्म है क्योंकि ईस्लाम समलेंगिकता को बिल्कुल स्वीकृति नहीं देता और शारिया की बात की जाये, तो बहुत से परम्परावादी मुसलमान समलैंगकिता की सजा मौत बताते हैं. फिल्म के बारे में जानकारी मिली, अच्छा लगा। आपकी निम्न टिप्पणी पढीयहां देखें
पर आपने क्या सोचकर टिपियाया ये तो भगवान जाने ......हिन्दुत्ववादियों और ब्रह्मचारियों का एक बहुत बड़ा वर्ग समलैंगिक है यह सब जानते हैं। अप्राकृतिक मैथुन भारत में कानूनन अपराध है। हालांकि इस अपराध को कानून की किताब से हटाने की मुहिम आरंभ हो चुकी है।
श्रीमान हमारे विचार भले ही न मिलते हों पर मैं आपके लेखन को बहुत सम्मीन से देखता हूं और नियमित रूप से पढा भी हूं....पर आपकी इस  कुत्सित और घृणित टिप्पणी पर मुझे सख्त एतराज है....हिंदी हिंदू और हिंदुस्थान मैं आस्था होने की वजह से मैं भी अपने आपको हिंदु्त्ववादी ही मानता हूं.(या आपकी परिभाषा क्या है उसे स्पष्ट करें)...और देश और धर्म को प्रेंम करने वाले लोगों मैं आपको कितने लोग संमलैगिक दिखाई दिये ये भी स्पष्ट करें....ये कौनसे शोध के बाद आपको पता लगा ये भी बतायें.....क्यों कि अपने देश और धर्म विशेषकर हिंदु धर्म से प्यार करने वाले लोग समलैगिक हो जाते है ऐसा कोई शोध किसी ने किया हो तो वो भी बतायें....

संघ की शाखाओं मैं जाते जाते भारत माता की जय बोलते,वंदेमातरम् गाते स्कूल से लेकर मैडिकल कालेज तक सैंकङो लोगों को मैने जो बनते देखा वो शायद आपके हिसाब से हिंदु्त्व वादी ही होता है....हिंदवः सौदरा सर्वे न हिंदु पतितो भवेत्..मम् दीक्षा हिंदु रक्षा मम् मंत्र समानता,,,,
ये सब करते करते कौई समलैगिक भी बनता है ये आप का निष्कर्ष किन तथ्यों पर आधारित मैं नहीं जानता.कम्यूनिष्टों से नैतिक और  राजनैतिक विचारों का मतभेद जरूर रहा है हमारा भी...पर इसके लिए एक संपूर्ण विचारधारा पर ही इतना गंदा विचार ….भत्सर्ना के लायक है….


आपसे इस तरह की टिप्पणी की उम्मीद नहीं कि जा सकती है....ये टिप्पणी पढकर निश्चित रूप से आपके प्रति सम्मान कम हुआ है मैं स्वीकार करूंगा....
आप कुछ लोगों की वजह से हिंदी ब्लोग जगत मैं एक चमक व्याप्त है....इसे धूमिल न करें
मेरी इस धृष्टता को मुझे आशा है कि आप क्षमा करेंगे और मेरा विरोध भी दर्ज करें...

31 July 2010

इस्लाम एक जीवन पद्धति……

 

इस्लाम न तो धर्म है औऱ न ही संप्रदाय ,इसके पूरे संदर्भ मैं ये एक संपूर्ण 100 प्रतिशत जीवन जीने का एक तरीका है.इस्लाम मैं धार्मिक,कानूनी,राजनीतिक,आर्थिक सामाजिक व सामरिक पहलू है.image

किसी भी देश मैं इस्लामी करण का प्रारंभ होता है जब पर्याप्त मात्रा मैं मुस्लिम जनसंख्या होती है और वे इसके लिए उग्रता दिखाने की स्थिति मैं होते हैं और जब राजनीतिक रूप से जागरूक और सहनशील समाज मुस्रलिमों की कुछ धार्मिक बातों को मान  लेते हैं तब उनकी कुछ और मांगें धीरे से आगे आजाती है…….ये किस तरह काम करता है….                                         उस देश मैं हो जब तक मुस्लिम जनसंख्या 2 प्रतिशत या कम हो तो मुस्लिम समाज एक शांतिप्रिय समाज है जो किसी भी प्रकार से अन्य नागरिकों के लिए खतरा नहीं दिखाई देता है जैसा कि ….

United States -- Muslim 0.6%
Australia -- Muslim 1.5%
Canada -- Muslim 1.9%
China -- Muslim 1.8%
Italy -- Muslim 1.5%
Norway -- Muslim 1.8%

जब ये जनसंख्या 2-5 प्रतिशत तक पहुंच जाती है तब धर्मांतरण प्रारंभ होता है,जो अक्सर अन्य  धर्म के  अल्पसंख्यकों और जैलों मैं अलग थलग पङे लोगों से होता है ….जैसा कि निम्नांकित है…..
Denmark -- Muslim 2%
Germany -- Muslim 3.7%
United Kingdom -- Muslim 2.7%
Spain -- Muslim 4%
Thailand -- Muslim 4.6%

प्रतिशत से ज्यादा होने पर ये अपनी जनसंख्या के अनुपात से ज्याद मांगे रखना शुरु कर देते है……जैसे वे हलाल के मांस की मांग करेंगे एक तरह से जोब सिक्यूरिटी हो गई मुस्लिमों की खाने की इंडस्ट्री मैं…..सुपरमार्केट्स पर हलाल के मांस के अलग स्टाल लगाने का दबाव बनाया जाता है अन्यथा उनके बहिष्कार की धमकियां दी जाती हैजैसा कि निम्न देशों मैं हो रहा है……

France -- Muslim 8%
Philippines -- Muslim 5%
Sweden -- Muslim 5%
Switzerland -- Muslim 4.3%
The Netherlands -- Muslim 5.5%
Trinidad & Tobago -- Muslim 5.8%

और अब समय आता है जब वे सरकार से ऐसे कानून बनाने की बात करते हैं कि उनके ऊपर सिर्फ शरियत लागू की जाये…..क्यों कि मुसलमानों का अंतिम लक्ष्य पूरे विश्व मैं शरियत लागू करना है…..

जब मुस्लिम जनसंख्या 10 प्रतिशत या ज्यादा हो जाती है तो अपनी बनाई हुई  बिगङी हुई परिस्थितियों के लिये आंदोलन करना शुरू करते हैं….और यदि कोई गैर मुसलमान इस्लाम के प्रति असम्मान जताते है तो ये धमकियां देना शुरु कर देते हैं और दंगा भङकाने की कोशिश करते हैं. जैसा कि एम्सटर्डम मैं हुआ जहां मुहम्मद साहब का कार्टून बनाने के बाद धमकियां दी गई……..

Guyana -- Muslim 10%
India -- Muslim 13.4%
Israel -- Muslim 16%
Kenya -- Muslim 10%
Russia -- Muslim 15%

और जब जनसंख्या 20 प्रतिशत या उससे अधिक हो तो छोटी छोटी बात पर दंगा करना….जिहादी ग्रुप बनाना,हत्यायें करना ….मंदिर और चर्च जला देना आम बात हो जाती है जैसा कि ……

Ethiopia -- Muslim 32.8%
At 40%, nations experience widespread massacres, chronic terror attacks, and ongoing militia warfare, such as in:
Bosnia -- Muslim 40%
Chad -- Muslim 53.1%
Lebanon -- Muslim 59.7%

60 प्रतिशत से ऊपर वाली जनसंख्या वाले देशों मैं गैर मुस्लिमों को औऱ अन्य मुस्लिम समुदाय जैसे पाकिस्तान मैं अहमदिया पर स्वायंभू तरीके से मुकदमें चलाकर उन्हें परेशान किया जाता है औऱ एक तरह से उनकी सामुहिक हत्यायें आदि करके उनको खत्म किया जाता है…..औऱ इसके लिए हथियार बनाया जाता है शरिया कानून को औऱ जजिया कर जो कि काफिरों पर लगाया गया टैक्स है कि वे शांति से जी सकें…….जैसा निम्न देशों मैं हो रहा है……

Albania -- Muslim 70%
Malaysia -- Muslim 60.4%
Qatar -- Muslim 77.5%
Sudan -- Muslim 70%

औऱ 80 प्रतिशत के बाद हिंसक जिहाद औऱ हत्यायें रोजमर्रा का काम हो जाता है…..याने राज्य द्वारा प्रायोजित सामुहिक हत्यायें क्यों कि काफिरों को खत्म करना इन देशों की मूल नीति होती हैऔर 100 प्रतिशत मुस्लिम जनसंख्या लक्ष्य जैसा कि निम्न देशों मै हो रहा है….

Egypt -- Muslim 90%
Gaza -- Muslim 98.7%
Indonesia -- Muslim 86.1%
Iran -- Muslim 98%
Iraq -- Muslim 97%
Jordan -- Muslim 92%
Morocco -- Muslim 98.7%
Pakistan -- Muslim 97%
Palestine -- Muslim 99%
Syria -- Muslim 90%
Tajikistan -- Muslim 90%
Turkey -- Muslim 99.8%
United Arab Emirates -- Muslim 96%

और जहां संपूर्ण लक्ष्य प्राप्तकर लिया जाता है वहां दार –ए -सलाम के रूप मैं शांति का प्रवेश होता है…..और वहां पूरी तरह से शांति औऱ शांति ही होनी चाहिये क्यों कि हर व्यक्ति मुसलमान है…..विध्यालयों की जगह सिऱ्फ मदरसे होते हैं औऱ कोरान ही सिर्फ साहित्य होता है……..चारों और इस्लाम का बोलबाला होता है…..सिर्फ कुरान सुनाई देती है जैसा इन देशों मैं हुआ है…….

पर दुर्भाग्य से शांति कभी नहीं आती जैसा कि इन देशों मैं हुआ है…जिनमें बिना किसी अपवाद के सबसे कट्टर मुसलमान रहते हैं और जो अपनी खून की प्यास को थोङे कम कटेटर मुसलमानों के खून से बुझाते हैं…..जिसके अनेक कारण गिनाये जा सकते हैं 

Afghanistan -- Muslim 100%
Saudi Arabia -- Muslim 100%
Somalia -- Muslim 100%
Yemen -- Muslim 100%'

Before I was nine I had learned the basic canon of Arab life. It was me against my brother; me and my brother against our father; my family against my cousins and the clan; the clan against the tribe; the tribe against the world, and all of us against the infidel. -- Leon Uris, 'The Haj'

ये  समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है कि जिन देशों मैं मुस्लिम जनसंख्या 100 प्रतिशत से ठीक ठाक कम होती है जैसे फ्रांस जहां अल्पसंख्यक मुस्लिम जनसंख्या अपनी ही बनाई हुई बस्तियों मैं रहती है जहां वे शरियत कानून के अनुसार रहते हैं….जहां पुलिस प्रवेश भी नहीं करती………जहां न पुलिस न न्यायालय न विध्यालय और न हीं गैर मुस्लिमों के लिए कोई धार्मिक सुविधा होती है….ऐसे मैं मुस्लिम समाज के अन्य वर्गों के साथ मिल भी नहीं सकते ……बच्चे मदरसों मैं जाते हैं और केवल कुरान सीखते हैं जिसमें वो जान पाते हैं कि काफिर की सजा केवल मौत है……………

आज

आज 1.5 अरब मुसलमान विश्व की जनसंख्या का 22 प्रतिशत है….पर उनकी जन्म दर ईसाई,हिंदु,बौंद्ध,यहूदी और अन्य सभी धर्मों के मानने वालो से अधिक है…इस सदी के अंत तक मुसलमान विश्व की जनसंख्या के 50 प्रतिशत से ज्यादा होंगे……….

सोचो………और सोचो…………….फिर क्या होगा…..

Adapted from Dr. Peter Hammond's book: Slavery, Terrorism and Islam: The Historical Roots and Contemporary Threat.

ये कुछ डरावने सपने की तरह है…..ये कुछ गंभीर बातें कुछ गंभीर चिंतकों के लिए है……मेरा काम पूरा हुआ अब आप जाने आप इन सब जानकारियों के साथ क्या करने वाले हैं…….

09 June 2010

jai gomata jai gopala.

।। श्री गोभ्यः नमः।।

आनंदवन पथमेड़ा भारत देश की वह पावन मनोरम भूमि है जिसे भगवान श्री कृश्ण ने कुरूक्षेत्र से द्वारिका जाते समय श्रावण,भादो महिने में रूककर वृन्दावन से लायी हुई भूमण्डल की सर्वाधिक दुधारू,जुझारू,साहसी,शौर्यवान,सौम्यवान,ब्रह्मस्वरूपा गायों के चरने विचरने के लिए चुना था। गत 12 शताब्दियों से कामधेनु,कपिला,सुरभि की संतान गोवंश पर होेने वाले अत्याचारों को रोकने के लिये सन् 1993 मे राष्ट्रव्यापी रचनात्मक गोसेवा महाभियान का प्रारम्भ इसी स्थान से हुआ है।

जिसके अन्तर्गत सर्वप्रथम श्री गोपाल गोवर्धन गोशाला श्री गोधाम महातीर्थ की स्थापना कर पश्चिमी राजस्थान एवं उतर पश्चिमी गुजरात के विभिन्न क्षेत्रों में गोसेवा आश्रमों,गोसंरक्षण केन्द्रों तथा गोसेवा शिविरों की स्थापना करना प्रारम्भ किया। इस अभियान द्वारा गोपालक किसानों तथा धर्मात्मा सज्जनों के माध्यम से गोग्रास संग्रहित करके गोसेवा आश्रमों में आश्रित गोवंश के प्राण पोशण का निरन्तर प्रयास प्रारम्भ हुआ। उपरोक्त महाभियान के प्रथम चरण में क्रूर कसाइयों के चंगुल से तथा भयंकर अकाल की पीड़ा से पीड़ित लाखों गोवंश के प्राणों को संरक्षण मिल सका।

श्री गोधाम महातीर्थ की स्थापना से लेकर आजतक अत 17 वर्शो में श्री गोधाम पथमेड़ा द्वारा स्थापित एवं संचालित विभिन्न गोसेवाश्रमों में आश्रय पाने वाले गोवंश की संख्या क्रमशः इस प्रकार रही है-सन् 1993 में 8 गाय से शुभारम्भ,सन् 1999 में 90,000 गोवंश सन् 2000 में 90,700 गोवंश सन् 2001 में 1,26,000 गोवंश,सन् 2003 में 2,84,000 गोवंश सन् 2004 में 54,000 गोवंश, सन् 2005 में 97,000 गोवंश, सन् 2009 में 72,000 हजार इस प्रकार लगातार चलते हुए वर्तमान सन् 2010 में 2,00,000 लाख से अधिक गोवंश सेवा में है, जो की अकाल की विभीशिका के चलते बढ़ता ही जा रहा है। साथ ही प्रदेश के विभिन्न भागों में अस्थाई गोसेवा अकाल राहत शिविरों में लाखों गोवंश को आश्रय देने का कार्य प्रारम्भ हो गया है।

अन्त में ’’ कामधेनु कल्याण परिवार श्री गोधाम पथमेड़ा ’’ भारत की धर्मपरायण जनता से विनम्र प्रार्थना करता है कि श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा प्रायोजित रचनात्मक एवं सृजनात्मक गोसेवा महाभियान में आप सभी तन-मन-धन से पूर्ण सहयोग करके इस सर्व कल्याणकारी कार्य को गति प्रदान करें तथा गोसेवा के महान पुण्य को अवश्यमेव अर्जित करें।

जय गोमाता जय गोपाल।

अधिक जानकारी के लिए देखंे हमारी वेबसाईट http://www.pathmedagodarshan.org

अथवा मेल करें mail@pathmedagodarshan.org

जय गौमाता जय गोपाला।

जय गौमाता जय गोपाला।दोस्तो क्या ये हमारा वही भारत देश हैं जिसे सोने की चिडिया, देवो का देश कहा जाता था। क्या हम जगतगुरू भारत के निवासी हैं। मैं आज ये लिंक प्रस्तुत कर रहा हूं । देखें और निर्णय करें। राम व कृष्ण की धरती भारत में क्या ये कृत्य सही हैं। कृप्या कर क्लिक करेें भारत देश के नाम के अपमान की जीती जागती तस्वीरों पर visit http://picasaweb.google.com/awbikk/SHInspectionPhotos#
और साथ ही साथ इस पर भी क्लिक करें कि भारत देश में उस उपर के कलंक से बचने के लिए भी कुछ हो रहा हैं। इस प्रकार के सेवा के केन्द्रों का सम्मान अवश्य करना चाहिए। कृप्या कर क्लिक करें।भारत देश का गौरव पुनः पाने के केन्द्र के बारे में जानने के लिएvisit http://www.pathmedagodarshan.org/
mail@pathmedagodarshan.org

तरुण जोशी "नारद"
९४६२२७४५२२, ९२५१९४१९९९, ९८२९९०८३९३,
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