ईश्वर भी कितनी निष्ठुर हो सकता है, मुझे इसका अनुमान न था। हमारे समूह श्री आशुतोष “मासूम” जी के 21 वर्षीय छोटे भाई दीपक का दो दिनों पूर्व देहान्त हो गया। परिवार को जो छति हुई उसी क्षतिपूर्ति किसी भी प्रकार नही की जा सकती है। दीपक के जाने शून्य स्थापित हुआ है वह भरा नही जा सकता है। विपत्ति की इस घड़ी में ईश्वर से प्रार्थना है कि शोक संतप्त परिवार को बल प्रदान करें और दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।
8 comments:
दुखद क्षण है उनके परिजनों के लिए. ढांढस बंधाने के अलावा कोई कुछ नहीं कर सकता.
दुखद समाचार है, मैं संकेदनाएं व्यक्त करता हूँ.
मेरी संवेदना दिवंगत के परिजनो के साथ है दिवंगत क़ी आत्मा को ईश्वर शांति प्रदान करे ओम श्री ओम
भगवान आशुतोषजी के भाई की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवा को इस दुख को सहन करने की हिम्मत दे।
भगवान आशुतोषजी के भाई की आत्मा को शांति प्रदान करे और उनके परिवा को इस दुख को सहन करने की हिम्मत दे। दुःख की इस कठिन घड़ी मे हम उनके साथ है.
ईश्वर से प्रार्थना है कि वह स्व. दीपक जी की आत्मा को शान्ति और परिवार को शक्ति प्रदान करें
दुखद!
अपूर्णनीयक्षति
is dukh ki gadhi main main ashutosh ji ke parivaar ke sath hoon, bhagwaan unko or unke parivaar ko himmat de ki wo is se upper uthe.
Deepakji ki aatma ki shanti ke liye
गायत्री मन्त्र
ॐ भूर्भुवः स्वः
तत्सवितुर्वरेण्यम्
भर्गोदेवस्य धीमहि
धियोयोनः प्रचोदयत्
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