आपका ही तो है जो हमें उकसा रहा है,
सोते जागते मुझे भरमा रहा है।
आप कोई खवाब नही तो भुला दिये जाओ,
वो एहसास हो जो सब कुछ भुला जाओं ।।
चॉंद का प्यार भी क्या प्यार है ?
वो प्यार भी चोरी चोरी करता है।
रात की सुगहरात के बाद,
सुबह अपने अग्रज सूरज से डरता है।।
प्यार का एहसास कोई चोरी नही है,
प्यार को स्वीकार करने में चॉद को हिचक कैसी ?
रात स्वप्नो को को परवान चढ़ा कर,
पूरे दिन प्रेयसी को प्रेम विरह में तड़पाते हो।।
है निवेदन आपनी तुलना,
उस निगोड़े चॉद से न करो।
जिसमें प्रेम को,
स्वीकार करने की हिम्मन न हो।।
माना कि तुम वो परवाने हो,
जो जलेगा किन्तु उफ़ तक न करेगा।
मग़र तेरे जलने की गर्मी से,
झुलसेगा मेरा तन।।
आवा़ज की कौंध गुजती कानो में,
लगता कुछ खोया-खोया सा है।
क्योकि मिटती नही कभी महोब्बत,
मिटते है तो सिर्फ मोहब्बत वाले।
सोते जागते मुझे भरमा रहा है।
आप कोई खवाब नही तो भुला दिये जाओ,
वो एहसास हो जो सब कुछ भुला जाओं ।।
चॉंद का प्यार भी क्या प्यार है ?
वो प्यार भी चोरी चोरी करता है।
रात की सुगहरात के बाद,
सुबह अपने अग्रज सूरज से डरता है।।
प्यार का एहसास कोई चोरी नही है,
प्यार को स्वीकार करने में चॉद को हिचक कैसी ?
रात स्वप्नो को को परवान चढ़ा कर,
पूरे दिन प्रेयसी को प्रेम विरह में तड़पाते हो।।
है निवेदन आपनी तुलना,
उस निगोड़े चॉद से न करो।
जिसमें प्रेम को,
स्वीकार करने की हिम्मन न हो।।
माना कि तुम वो परवाने हो,
जो जलेगा किन्तु उफ़ तक न करेगा।
मग़र तेरे जलने की गर्मी से,
झुलसेगा मेरा तन।।
आवा़ज की कौंध गुजती कानो में,
लगता कुछ खोया-खोया सा है।
क्योकि मिटती नही कभी महोब्बत,
मिटते है तो सिर्फ मोहब्बत वाले।
2 comments:
चित्र अच्छे हैं। कविता तो कुछ पल्ले नहीं पड़ी।
चित्र अच्छे हैं।
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