07 October 2009

"खजाना की "कल की पोस्ट से आगे

"खजाना की "कल की पोस्ट  से आगे  
सबको सादर अभिवादन  
                   मुसलसल जारी रहे ब्लागिंग  जात्रा किन्तु ये  क्या कर रहें आप कर रहें हैं आप सात दिनी हड़ताल क्यों वो भी इन पोस्टों को लेकर
ये क्या हो रहा है?
हम तुम्हें गाली दें, तुम हमारे मुँह पे थूको
इस्लाम में महात्मा गाँधी जैसा कोई व्यक्तित्व क्यों नहीं होता

                    रस्तोगी साहब जब आप इनकी पोस्ट  लगातार देखेगे तो शायद उपरोक्त ब्लाग्स-पोस्ट का अर्थ समझ पाएंगे जी .  फिर जैसी आपकी मर्जी ....? ये क्या हो रहा है? सभी सोच कह रहे हैं किन्तु कोई तो बिल्ली के गले में घंटी बांधने वालों को सपोर्ट करो भाई ...

1 comment:

Rakesh Singh - राकेश सिंह said...

सपोर्ट की क्या बात है हम तो खुद ही इस सलीम को बराबर ललकार रहे हैं .... लगे रहिये ... हम तो आपके साथ हैं