26 October 2009

अब तो इंतजार बंद करो

आपका इंतजार करते,
घंटे बीत गये,
ये घंटे ऐसे लगते जैसे सदिया बीत गई।

आपका इंतजार करते,
ऑखे थक गई,
ये आखे ऐसी लगती जैसे रात भर सोई नही ।

आपका इंतजार करते,
दिल भी हार गया
दिल भी कहता है अब तो इंतजार बंद करो।

17 October 2009

_______________शापित यक्ष ______________




       दीवाली के पहले गरीबी से परेशान  हमारे गांव में लंगड़,दीनू,मुन्ना,कल्लू,बिसराम और नौखे ने विचार किया इस बार लक्ष्मी माता को किसी न किसी तरह राजी कर लेंगें . सो बस सारे के सारे लोग माँ को मनाने हठ जोगियों की तरह  रामपुर की भटरिया पे हो लिए जहां अक्सर वे जुआ-पत्ती खेलते रहते थे पास के कस्बे की चौकी पुलिस वाले आकर उनको पकड़ के दिवाली का नेग करते ये अलग बात है की इनके अलावा भी कई लोग संगठित रूप से जुआ-पत्ती की फड लगाते हैं..... अब आगे इस बात को जारी रखने से कोई लाभ नहीं आपको तो गांव में लंगड़,दीनू,मुन्ना,कल्लू,बिसराम और नौखे की  कहानी सुनाना ज़्यादा ज़रूरी है.
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                      तो गांव में लंगड़,दीनू,मुन्ना,कल्लू,बिसराम - नौखे की बात की वज़नदारी को मान कर  "रामपुर की भटरिया" के  बीचौं बीच जहां प्रकृति ने ऐसी कटोरी नुमा आकृति बनाई है बाहरी अनजान  समझ नहीं पाता कि "वहां छुपा जा सकता है. जी हां उसी स्थान पर ये लोग पूजा-पाठ की गरज से अपेक्षित एकांतवासे में चले गए ..हवन सामग्री उठाई तो लंगड़ के हाथौं  से गलती से घी ज़मींन में गिर गया . बमुश्किल जुटाए संसाधन का बेकार गिरना सभी के क्रोध का कारण बन गयाकल्लू ने तो लंगड़ को एक हाथ रसीद भी कर दिया ज़मीं के नीचे घी रिसता हुआ उस जगह पहुंचा जहां एक शापित-यक्ष बंधा हुआ था .उसे शाप मिला था की  सबसे गरीब व्यक्ति के हाथ  से गिरे  घी की बूंदें तुम पर गिरेंगीं तब तुम मुक्त होगे सो मित्रों यक्ष मुक्त हुआ मुक्ति दाता लंगड़ का आभार मानने उन तक पहुंचा . यक्ष को देखते ही सारे घबरा गए कल्लू की तो घिग्घी बंध गई. किन्तु जब यक्ष की दिव्य वाणी गूंजी "मित्रो,डरो मत, तो सब की जान में जान आई.
यक्ष:तुम सभी मुझे शाप मुक्त किया बोलो क्या चाहते हो...?
मुन्ना: हमें लक्ष्मी की कृपा चाहिए उसी की साधना में थे हम .
यक्ष: ठीक है तुम सभी चलो मेरे साथ 
  सभी मित्र यक्ष के अनुगामी हुए पीछे पीछे चल दिए पीपल के नीचे बैठ कर यक्ष ने कहा :-"मित्रो,मैं पृथ्वी भ्रमण पर निकला था तब मैनें अपनी शक्ति से तुम्हारे गांव के ज़मींदार सेठ गरीबदास की माता से गंधर्व विवाह किया था उसी से मेरा पुत्र जन्मा है जो आगे चल के सेठ गरीबदास के नाम से जाना जाता है."
                    यक्ष की कथा को बडे ही ध्यान से सुन रहे चारों मित्रों के मुंह से निकला :-"तो आप ही हमारे बडे ज़मींदार हैं ?"
 "हां, मैं ही हूं, घर-गिरस्ति में फ़ंस कर मुझे वापस जाने का होश ही न रहा सो मुझे मेरे स्वामी ने पन्द्र्ह अगस्त उन्नीस सौ सैतालीस  रात जब भारत आज़ाद हुआ था शाप देकर "रामपुर की भटरिया में कैद कर दिया था और कहा था जब गांव का सबसे गरीब आदमी घी तेल बहाएगा और उसके छींटै तुम पर गिरेंगे तब तुम को मुक्ति-मिलेगी
 आज़ तुम सबने मुझे मुक्त किया चलो.... बताओ क्या चाहते हो ?
 सभी मित्रों ने काना-फ़ूसी कर "रोटी-कपडा-मकान" मांग लिए मुक्ति दाताओं के लिये यह करना यक्ष के लिए सहज था. सो  उसने माया का प्रयोग कर  गाँव के ज़मींदार के घर की लाकर  तिजोरी बुला   कर ही उन गरीबों में बाँट दी  . जाओ सुनार को ये बेच कर रूपए बना लो बराबरी से हिस्सा बांटा कर लेना और हां तुम चारों के लिए मैं हर एक के जीवन में एक बार मदद के लिए आ सकता हूं.
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                        उधर गांव में कुहराम मचा था. सेठ गरीब दास गरीब हो गया. पुलिस वाले एक एक से पूछताछ कर रहे थे. इनकी बारी आये सभी मित्र बोले "हम तो मजूरी से लौटे हैं." किन्तु कोई नहीं माने झुल्ला-तपासी में मिले धन को  देख कर सबको जेल भेजने की तैयारी की जाने . कि लंगड़ ने झट यक्ष को याद कर लिया . यक्ष एक कार में गुबार उडाता पहुंचा और पुलिस से रौबीली आवाज़ में बोला "इनको ये रूपए मैंने इनाम के बतौर दिए हैं."ये चोर नहीं हैं.
रहा सवाल सेठ गरीब दास का सो ये तो वास्तव में गरीब हैं
हवालदार ने कहा :-सिद्ध करोगे
यक्ष: अभी लो  गाँव के सचिव से  गरीबी रेखा की सूची मंगाई गई जिसमें सब से उपर सूची अनुसार सबसे ऊपर सेठ गरीब दास का नाम था
  सूची में जो नाम नहीं थे वो लंगड़,दीनू,मुन्ना,कल्लू,बिसराम और नौखे के...?

                                                    गिरीश बिल्लोरे"मुकुल"
                                                   जबलपुर मध्य-प्रदेश
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15 October 2009

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का साम्प्रदायिक चेहरा

विदेशी पैसा से पलने वाले मिडीया और तथाकथित मुर्ख बुद्धिजीवी के द्वारा राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के द्वारा किये गये कार्य को अनदेखा करके राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के मुस्मिल सम्प्रदाय के विरोधी के रुप में दिखाया जा रहा था। विदेशी पैसा से पलने वाले मिडीया और मुर्ख बुद्धिजीवी की झुठ की कलई इस चित्र को देख कर खुल गया कि किस तरह से विश्व के सबसे बडे़ स्वयमसेवी संस्था समाज निर्माण के कार्य में लगा है ना कि किसी भी तरह के समाज को तोड़ने के कार्य में। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के स्वंमसेवकों द्वारा किया गया समाजिक कार्य किसी द्वेषभावना के द्वारा नही किया जाता है इसका जीता जागता सबूत इस चित्र में मुस्लमानों के बीच में खाने-पीने के सामग्री को वितरीत करते हुये देख कर लगाया जा सकता हैं। राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को कोसने वालों का आज घिनैना चेहरा दिख गया है और वैसे आदमी जो राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ को सम्प्रदायिक या मुस्लिम विरोधी करार देते पर तुले थे इस चित्र को देख हार्ट ऎटैक के मारे गीर कर तड़प रहें होगे या फिर कसम खा लिये होंगे की बीना जाने समझे राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का बुराई अपने जीवन में कभी नही करेंगे और अपने कुटील मानसिकता के द्वारा देश को बर्बाद करने का काम छोड़ कर राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ के साथ मिल कर देश को परम वैभव में पहुचाने का कार्य करेंगे।















चींटी और टिड्डा

'चींटी और टिड्डा ' कहानी तो सबने सुनी होगी? भारत में भी हुआ था एक बार यही, जब चींटी ने पूरी गर्मी में मेहनत करके अपने लिए घर बनाया और टिड्डा?वो तो ठहरा मस्त मौला , तो इस कहानी में कैसे सुधर जाता? जाड़ों के दिनों में चींटी मज़े से अपने 3 bed apartment में २४*7 फ़ूड , एनर्जी और वाटर सप्लाई के मज़े लेने लगी...


...यहाँ तक तो सब ठीक लेकिन ये भारीतय टिड्डा था....
चुप क्यूँ रहता?


टिड्डे ने एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की, और अपनी व्यथा सबको सुनाई , और जानना चाहा देश की जनता से कि मैं कैसे ऐसे रह सकता हूँ जबकि देश में एक 'चींटी वर्ग' भी है?

NDTV, बीबीसी, INDIA TV, The Times Of India आदि सभी मुख्या न्यूज़ चैनल और अख़बारों ने इस घटना को भूखों मरते टिड्डे कि फोटू और उसके बगल मैं चींटी की वाटर पार्क में खिचवाई फोटू के साथ दिखाया.

आखिर एक बेबस टिड्डा ऐसे कैसे मर सकता है ? फिर क्या था?

अरुंधती रॉय ने चींटी के घर के सामने धरना दिया....

मेधा पाटेकर टिड्डे के साथ आमरण अनशन में बैठ गयी...

मायावती ने इसे अल्पसंखकों के खिलाफ षडयंत्र कहा....

कोफ्फी अन्नान ने भारतीय सरकार को 'टिड्डे की मूलभूत सुविधाओं' का ख्याल न रखने हेतु आड़े हाथों लिया.




टिड्डे के ब्लॉग 'चींटी के पार' में कमेन्ट और follower १००० के पार पहुँच गए थे.

'स्वर्ग और चिरस्थायी शांति के लिए अग्रेषित करें , और न करने पर परमेश्वर के प्रकोप के लिए तैयार रहे ' type चैन मेल की बाढ़ ही आ गयी जिसमें माइक्रोसॉफ्ट वाले कथित तौर पर टिड्डे को हर forwarded मेल में 1 पैसा देने वाले थे .

विपक्षी दल के नेताओं ने सदन का बहिष्कार किया और लोक सभा ,राज्य सभा की कार्यवाही नहीं चलने दी.

लेफ्ट फ्रंट ने बंगाल बंद का आह्वाहन किया.

केरला ने न्यायिक जांच करवाने का केंद्र सरकार से अनुरोध किया.

CPM ने तुंरत ही एक कानून पारित किया जिससे की चींटी को अत्यधिक क्ष्रम करने से रोका जा sake तथा चींटी और टिड्डे के बीच गरीबी का साम्यवाद आ जाए .

ममता बनर्जी ने टिड्डे के लिए भारतीय रेल की सभी गाड़ियों में मुफ्त एसी कोच की व्यवस्था करवा दी.
 named as the 'Grasshopper Rath'.

अंततोगत्वा , न्यायिक कमिटी ने ' Prevention of Terrorism Against Grasshoppers act[POTAGA] को मंजूरी दे दी जो जाडों से लागू माना जावे.

अर्जुन सिंह ने आनन फानन में टिड्डे के लिए सभी सरकारी विद्यालयों एवं इंस्टीत्युट में शिक्षा के क्षेत्र में 'Special Reservation ' दिए जाने की घोषणा कर दी .

चींटी को 'पोटागा' के अर्न्तगत दोषी पाया गया.चूंकि चींटी के पास देने के लिए कुछ नहीं बचा अतः उसका घर कुर्क कर दिया गया और एक शानदार समारोह में टिड्डे को दे दिया गया.ये शानदार समारोह सभी टीवी चंनल में लाइव दिखाया जा रह था.

अरुंधती रॉय ने इसे ' न्याय की जीत' की संज्ञा दी

लालू ने इसे 'सामाजिक न्याय ' कहा .

सीपीएम ने कहा की ये ' क्रांतिकारी दलित के पुनरुत्थान ' की कथा है.

कोफ्फी अननन ने टिड्डे को UN जनरल असेम्बली में आमंत्रित किया.

कई सालों बाद ...
.....
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...चींटी विदेश में बस गयी और उसने यू एस में एक multi-billion dollar company खोल ली ,

आरक्षण के बावजूद कही भारत में अब भी हजारों टिड्डे भूख से मर रहे हैं.

...कई चींटियों को खोने और कई टिड्डों को पालने के कारण भारत अब भी विकासशील देश है.

(Inspired From A Spam Mail)

11 October 2009

महिला आर्मी की मजेदार फोटो

रुस महिला आर्मी


इजरायल महिला आर्मी

हिन्दुस्तान महिला आर्मी


अमेरीकन महिला आर्मी

ब्राजील महिला आर्मी

कोरिया महिला आर्मी

चीन महिला आर्मी

और अन्त में

 
 




पाकिस्तान महिला आर्मी

08 October 2009

आज की कांग्रेस इतनी गिर चुकी है

अभी पिछले दिनों आँध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री y s रेड्डी की मौत विमान दुर्घटना में हो गई.सभी चेनल्स में कहा गया की उनकी मौत के दुख में 462 लोगो ने आत्महत्या कर ली""आश्चर्य होता है न आज के समय में किसी नेता के लिए इतना प्यार देखकर!!! लेकिन बाद में मालूम पड़ा की ये प्यार नेता के लिए नहीं बल्कि पैसे के लिए था मतलब की कांग्रेस सरकार ने देश को जितने भी लोगो को खुदख़ुशी करने वालों में गिनाया था वो सभी खुदखुशी के कारण नहीं बल्कि अपनी स्वाभाविक मौत मरे थे"जी हां एक सनसनीखेज़ खुलासे में ये बात सामने आई है की मरने वाले लोगो के घर वालो को सरकार ने 5000-5000 Rs. दिए थे और बदले में उनलोगों को ये बोलना था की "मरने वाला आदमी अपनी स्वाभाविक मौत नहीं मरा बल्कि उसने मुख्यमंत्री के गम में आत्महत्या की है."शर्म आती है ये बाते सुन-सुन कर की आज की कांग्रेस इतनी गिर चुकी है की लोगो की मौत पर भी राजनीति करने लगीकाश ये पैसा उन लोगो को मरने से पहले दिया जाता तो शायद वो जी जाते और सच्चे मन से श्रधांजलि देते…अगर आप मानते है कि ये बात देश में सभी को मालुम होनी चाहिए तो इसे अपने सभी दोस्तों तक पहुचाहिये"

07 October 2009

"खजाना की "कल की पोस्ट से आगे

"खजाना की "कल की पोस्ट  से आगे  
सबको सादर अभिवादन  
                   मुसलसल जारी रहे ब्लागिंग  जात्रा किन्तु ये  क्या कर रहें आप कर रहें हैं आप सात दिनी हड़ताल क्यों वो भी इन पोस्टों को लेकर
ये क्या हो रहा है?
हम तुम्हें गाली दें, तुम हमारे मुँह पे थूको
इस्लाम में महात्मा गाँधी जैसा कोई व्यक्तित्व क्यों नहीं होता

                    रस्तोगी साहब जब आप इनकी पोस्ट  लगातार देखेगे तो शायद उपरोक्त ब्लाग्स-पोस्ट का अर्थ समझ पाएंगे जी .  फिर जैसी आपकी मर्जी ....? ये क्या हो रहा है? सभी सोच कह रहे हैं किन्तु कोई तो बिल्ली के गले में घंटी बांधने वालों को सपोर्ट करो भाई ...

03 October 2009

मुस्लिम समाज की फितरत ही है हराम के माल पर मुँह मारने की

अभी अभी एक सज्‍जन के ब्‍लाग पर "क्या गैर मुस्लिम औरतों को मुस्लिम मर्द भाते हैं ?" सर्वेक्षण पढ़ कर आया था किन्‍तु उसके तुरंत बाद मुझे भी हमदर्द कालेज ने एक और सवेक्षण मुझे भी बता कर किया था कि मुस्लिमो मर्दो की फितरत है हराम के माल पर मुँह मारने की, मुस्लिम चुकि मुस्लिमों अधिक कन्‍या भ्रूण हत्‍या के कारण उन्‍हे अपने धर्म में चार नही मिल पाती तो बाकि धर्मो में मुँह मारते फिरते है, जैसे समाज में ये धर्म सिर्फ सेक्‍स करने लिये ही आया। पता नही सेक्‍स के लिये यह धर्म कितना नीचे गिरेगा ? ये धर्म शक्‍शियत को छोड़कर सेक्सियत की और उन्‍मुख हो रहा है यही कारण है कि सबसे ज्‍यादा मुस्लिम ही सेक्‍सुवल बीमारियो से ग्रसित है।

मुस्लिम सम्‍प्रदाय को चाहिये कि वह समाज की मुख्‍यधारा से जुडे और समाजिक परिवेश को माने। कोई बुरा नही कि मुस्लिम हिन्‍दू या किसी अन्‍यधर्मावलम्‍बी लड़की से शादी करे किन्‍तु आपत्ति तब भी नही होनी चाहिये जब कोई हिन्‍दू पुरूष किसी मुस्लिम लड़की से शादी करे।