13 May 2015

क्‍लासिकल दृष्टिकोण (Classical Approach)

अर्थशास्‍त्र धन का विज्ञान है इस उक्ति का पूरा श्रेय एडम स्मिथ को जाता है। उनकी प्रसिद्ध पु‍स्‍तक “An Enquiry into the Nature and Causes of Welth of Nations.” रखा और कहा कि ‘’राष्‍ट्रो के धन के स्‍वरूप तथा कारणों की जॉंच करना’’ ही अर्थशास्‍त्र की विषय समग्री है। एडम स्मिथ के अनुसार अर्थशास्‍त्र का प्रमुख उद्देश्‍य राष्‍ट्रों की भौतिक सम्‍पत्ति में वृद्धि करना है।

क्‍लासिकल अर्थशास्त्रिओं में प्रमुख एडम स्मिथ (Adam Smith) ने धन को ही अर्थशास्‍त्र की विषय वस्‍तु माना तथा उनके साथी आर्थिक विचारकों ने स्मिथ के बातों का पूर्णरूपेण सर्मथन करते हुऐ कहते है-

जान स्‍टुअर्ट मिल- रा‍जनैतिक अर्थशास्‍त्र का सम्‍बन्‍ध धन के स्‍वाभाव उनके उत्‍पादन और वितरण के नियम से है......... अर्थशास्‍त्र मनुष्‍य से सम्‍बन्धित धन का विज्ञान है।

जे. बी. से - अर्थशास्‍त्र वह विज्ञान है जो धन का अध्‍ययन कराता है।

वाकर - अर्थशास्‍त्र ज्ञान की वह शाखा है जो धन से सम्‍बन्धित है।

उपरोक्‍त क्‍लासिकल अर्थशास्त्रियों ने अर्थशास्‍त्र को धन केन्द्रित कर दिया था। इसको हम सरल भाषा में कह सकते है कि इन अर्थशास्त्रिओं के जुब़ान से धन की बू आती है। इसी धन की बू को देखकर कुछ अ‍ार्थिक विचारकों ने इसकी धन सम्‍बन्‍धी परिभाषाओं की कटु आलोचना भी की-

1. क्‍लासिकल आर्थिक विचारकों ने धन को लौकिक वस्‍तु के रूप में प्रयोग किया अर्था‍त जिसकों छुआ जा सकें। इसके अध्‍ययन के विषय वस्‍तु केवल वही मनुष्‍य बन सके जो उपभोग और उत्‍पादन में लगे है। अन्‍य मनुष्‍यों के क्रियाऐं इसके अध्‍ययन की विषय वस्‍तु नही बन सकी।

2. धन के‍न्द्रित होने के कारण इसकी परिभाषाऐं अर्थशास्‍त्र के श्रेत्र को सक्रीर्ण करती है।

3. धनाधारित होने के कारण कुछ विद्वानों तथा राजनीतिज्ञों ने ‘धन के विज्ञान’ के रूप में अर्थशास्‍त्र की परिभाषाओं की कटु आलोचनाऐं की। इन परिभाषाओं की सबसे बड़ी कमी यह रही कि धन की ही धन को ही अर्थशास्‍त्र का प्रधान लक्ष्‍य बना दिया गया। जबकि प्रधान लक्ष्‍य तो मानव कल्‍याण है तथा धन तो उसे प्राप्‍त करने का साधन मात्र।

क्‍लासिकल विद्वानों द्वारा दी गई परिभाषा का श्रेत्र संकुचित था तथा इसे सर्वमान्‍य परिभाषा के रूप में मान्‍यता देना ठीक न होगा। तथा इसकी कमियॉं बताती हुई एक और परिभाषा आई जिसका पतिपादन मार्शल ने किया था। मार्शल की इस परिभाषा को भौतिक कल्‍याण से सम्‍बन्धित दृष्टिकोण या नियो-क्‍लासिकल दृष्टिकोण (Neo Classical Approach) कहा गया। इसके बारे में आगे बात करेंगें।

एडम स्मिथ की धन सम्‍बन्धी परिभाषा या क्‍लासिकल दृष्टिकोण (Classical Approach)







5 comments:

राज कुमार said...

अर्थशास्‍त्र विषयक अच्‍छा लेख, बधाई।


आशा है कि आगे और विस्‍तार से जानकारी मिलती रहेगी।

मै भी कुछ वैज्ञानिक लेख लेकर जल्‍दी ही आता हूँ।

Udan Tashtari said...

यहाँ तो बड़े ज्ञान की बातें चल रही हैं. बहुत बढ़िया, ऐसे ही करते रहो.

अनुनाद सिंह said...

ये दो कदम आगे बढ़कर उच्चतर ज्ञान की बात करना अच्छा लगा।

हिन्दी को घिसि-पिटी बातों को बार-बार आवृति की भाषा बनने से बचाना जरूरी है।

भाई राजकुमार कुछ वैज्ञानिक विषयों पर लिखने को आतुर दिख रहे हैं। उनका भी स्वागत ऐ।

हो सके तो आप लोग हिन्दी विकिपीडिया पर भी कुछ अच्छे लेख लिखें।

Shiv said...

आपकी अर्थशास्त्र के ऊपर पिछली पोस्ट को आपने आगे बढाया...बहुत अच्छा लगा...हम अपने-अपने विषयों के बारे में लिखकर एक दूसरे का ज्ञान बढाएं तो चिट्ठाकारी को एक नई दिशा मिलेगी.

अपने इस लेख के लिए साधुवाद स्वीकार करें.

Pramendra Pratap Singh said...

आप सभी का धन्‍यवाद,

हम भारोसा दिलाते हे कि हमारी पूरी टीम अपने कार्य में लगी रहेगी। निश्चित रूप से आप सभी की टिप्‍पडि़यॉं हमें प्रोत्‍साहित करती है और उत्‍साह दिलाती है। चूकिं इसे अभी कई ऐसे मित्र है जो पहली बार आपनी रचना पोस्‍ट रहे है। अत: हमे बहुत कुछ सीखना है। आप सबको धन्‍यवाद