09 May 2008

"विवाह में बाधा न डालें किंतु बाल विवाह न होनें दें...!"

हमारे आपके सामने हो जाते हैं बाल विवाह और हम आप हैं कि कन्यादान में बाधा न डालने के धर्म भीरू संकल्प को लेकर खामोश रहतें हैं।हमारी यही भीरू प्रवृत्ति से सामाजिक स्वास्थ्य एवम सामाजिक सूचकों को नकारात्मकता दिशा देतें है । समाज को बदलने का दम भरती हमारी सोच खतरे को भांप हमारी आँखें बंद करने को मज़बूर कर देतीं है। हममें और उन कबूतरों के बीच कोई फर्क नहीं रह जाता जो बिल्ली को देख आँखें बंद कर लेतें है। कबूतरी वृत्ति से निजात मिले इस लिए ज़रूरी है कि हम साहसियों के किस्से जानें ।"दो बरस पहले जबलपुर केंट क्षेत्र मानेगांव की इक आँगनवाड़ी वर्कर अनिता विनोदिया ने बताया कि सरोज नामक बालिका की शादी होने जा रही है। लड़की 17, बरस की है....!काउंसलिंग का दौर चला , पिता की एक न चली , माँ बेटी के साहस ने झुका दिए,बेदम विश्वासों के ध्वज, जीत गए संकल्प पर्यवेक्षक कुमारी माया मिश्रा के, उनकी सहयोगिनी आँगन वाड़ी कार्य कर्ता श्रीमती विनोदिया के।उधर मुझे उस बालिका का सम्मान जो करने की अभिलाषा थी , सो उसके नाम पर"सरोज स्वसहायता समूह " गठन कर दिया एक सिलाई मशीन , शार्ट टर्म ट्रेनिंग कोर्स हुए किशोरियों के लिए । हरनीत जो ताज़ा ही लौटीं थी मलेशिया से।खूब उत्साह से हरनीत दीदी की क्लास में आयीं बेटियाँ। अभी भी इंतज़ार रहता है माने गाँव को जिनका। *******************दयानंद गिरी मोहास से मेरे सेल पर पूछ रहे थे -"काय साहब , सम्भव हो .....!"मेरा रुख इस बात पर सख्त था सो मैंने गिरी जी को दो टूक शब्दों में कह दिया:- "भाई साहब , चार माह बाद ही , शादी कर ने को कहिये अपने नौकर को । "बात असरदार रही गिरि जी ने अपने नौकर से कहां :-"साहब,नहीं मान रहे भैया बिटिया को बियाह चार महीने बाद करियो " गिरी जी का नौकर जालंधर काछी पुत्र हेमराज काछी ने अपनी बिटिया की शादी रोक दी थी चार माह के लिए, बिटिया १८ वर्ष की उम्र पूर्ण करने के सात माह बाद ससुराल गयी।
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बाराती-घराती भी जाएंगे जेल ... इस बात की जान कारी जिनको नहीं है ऐसे लोगों में शुमार हैं बरेला निवासी आनंद और प्रीती शर्मा। जबलपुर के नज़दीक का कस्बे बरेला के इस परिवार की बिटिया दुर्गा १६ साल की है। ०८/०५/०८ रात मनीष भाई ने बताया :-"पुलिस कंट्रोल रूम आपको बरेला में बाल विवाह रोकने के लिए "
रात ८:०० बजे , निचले स्तर पे खोज बीन हुयी । पता चला कि प्रोबेशनर आई पी एस रूचि श्रीवास्तव टी आई साहिबा को फोन पर मिली ख़बर से पता चला कि वार्ड न ० ११ में कम उम्र की बालिका की शादी की जा रही है, पुलिस अमला भेजा गया, आँगनवाड़ी-कार्यकर्ता सूना चक्रवर्ती ने दोपहर उस परिवार को भेंट देकर बता दिया था कि दुर्गा की शादी उस के लिए शारीरिक,सामाजिक,और कानूनी तौर पर कितनी हानि पहुंचा सकती है,यदि दुर्गा १८ बरस के बाद बिहाई जाए तो कितनी सरकारी मदद भी मिलेगी । समझाइश और कानूनी कार्यवाई के आसन्न खतरे को भांप परिवार गहन मंत्रणा में जुट गया। शाम तक आँगनवाड़ी कार्य कर्ताओं का इक और दल जिसमे शारदेश नंदनी जैन,प्रेम लता मिश्रा [आँगनवाड़ी-वर्कर]शामिल थीं , भाई महेन्द्र जैन, जनपद के उपाद्यक्ष सभी ने पूरी ताक़त लगा के परिवार को राजी कर ही लिया । दुर्गा से शादी कर बरात लेकर आने वाले दूल्हे को वापस लौटना ही पड़ा ।समाज से सरोकार रखने वाले मेरे विभाग , की इन कार्यकर्ताओं की जितनी भी सराहना की जाए कम होगी।

3 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

बाल विवाह देश की सबसे बड़ी कुरीतियों में एक है। इसे समाप्‍त करना जरूरी है।

सभी कार्यकर्ताओं को बधाई

बाल भवन जबलपुर said...

Thanks

Udan Tashtari said...

निश्चित ही इस कुरीति के विरोध में उठे हर कदम की प्रशंसा और सराहना होनी चाहिये.

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आप हिन्दी में लिखते हैं. अच्छा लगता है. मेरी शुभकामनाऐं आपके साथ हैं, इस निवेदन के साथ कि नये लोगों को जोड़ें, पुरानों को प्रोत्साहित करें-यही हिन्दी चिट्ठाजगत की सच्ची सेवा है.
एक नया हिन्दी चिट्ठा किसी नये व्यक्ति से भी शुरु करवायें और हिन्दी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें.
यह एक अभियान है. इस संदेश को अधिकाधिक प्रसार देकर आप भी इस अभियान का हिस्सा बनें.
शुभकामनाऐं.
समीर लाल
(उड़न तश्तरी)