27 October 2008

दीपों का त्यौहार

आया देखो आया देखो दीपों का त्यौहार,
लेकर आया है ये मस्त पटाखों का संसार.

मिलकर घरवालों के संग मनालो ये त्यौहार,
पर पटाखों से ना हो पर्यावरण पर प्रहार.

मिलने का मौसम आया, महफिलें जमालो,
और अपनी खुशियों का संसार बसालो.

बच्चे जलाएंगे फुलझाडियाँ,बड़े बाटेंगे मिठाइयाँ.
मौसम लायेगा मस्त बहार, फिजाएं में जैसे शहनाइयां.

झूमेगा सारा संसार, गाएगा हर परिवार,
अब तो होगा हर जगह, खुशियों का अम्बार...

देखो यारों देखो आया दीपों का त्यौहार,
इसके आने से देखो झूम उठा संसार.

5 comments:

गगन शर्मा, कुछ अलग सा said...

आपको सपरिवार दीपोत्सव की शुभ कामनाएं। सब जने सुखी, स्वस्थ एवं प्रसन्न रहें। यही प्रभू से प्रार्थना है।

prakharhindutva said...

मैं न तो दिवाली की शुभकामनाएँ दूँगा न ही इन मुसलमानों के रहते दिवाली मनागा.. क्योंकि जानता हूँ यही हमारी मातृभूमि के साँप हैं... अतएव इनकी विचारधारा इसलाम को देश से खदेड़ के ही हमें चैन मिलेगा.... जय भारत.. जय हिन्दुत्व

www.prakharhindu.blogspot.com

रीतेश रंजन said...

मेरी ओर से भी आप सभी भाई बंधुओं को दीपोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं!

संगीता पुरी said...

आपको एवं आपके परिवार को भी दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

Pramendra Pratap Singh said...

आपकी कविता की तरह सबकी दीपावली मने ऐसी प्रभु से कामना है।

जय हनुमान