25 January 2009

पालने से पालकी तक

“पालने से पालकी तक बेटियों का सुदृढ़ जीवन सफल जीवन “

पालने और पालकी को

सजाने की

समझ जो है - "बेहतर है....!"

ज़िन्दगी बेटियों की

भी संवारी जाए तो अच्छा !!

पालने में दुलारो खूब

बिटिया को "बेहतर है....!"

ज्ञान-साहस से सजी बिटिया

बिदा की जाए तो अच्छा ..

4 comments:

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर.... गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं...!

Anonymous said...

uttam abhivyakti

बाल भवन जबलपुर said...

गणतंत्र की जय हो .
गणतंत्र दिवस पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

राज भाटिय़ा said...

बहुत सुंदर,
आप को गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाऐं.