ये बेरूखी किस काम की ? जो निगाहों से निगाहे मिलने से डरते हो। खुदा भी उसपे मरता है, जो अट्टूट रिस्तो की इबादत करता है।।
अच्छी रचना!
हर इबादत की भी एक मंजिल होती है।पूरी होने पर मानो खुदा इनायत करता है।। सादर श्यामल सुमन 09955373288 मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं। कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।। www.manoramsuman.blogspot.comshyamalsuman@gmail.com
Wah pramendr jikawita bhee...badhai ho
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अच्छी रचना!
हर इबादत की भी एक मंजिल होती है।
पूरी होने पर मानो खुदा इनायत करता है।।
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
मुश्किलों से भागने की अपनी फितरत है नहीं।
कोशिशें गर दिल से हो तो जल उठेगी खुद शमां।।
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
Wah pramendr ji
kawita bhee...
badhai ho
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