27 September 2009

ब्लागवाणी बन्द IEDig.com सुरु

ब्लागवाणी बन्द होना दुखद है। ब्लागवाणी ऎगरीगेटर अच्छा काम कर रहा था एवम हिन्दी ब्लागरों के छोटी सी दुनिया को पाढ़क दिलवाता था। कुछ ब्लागरों ने ब्लागवाणी के काम काज पर अंगुली उठाई थी जो की गलत है इस मामले में मेरा कहना है अगर आप अच्छे लेखक हैं तो आपको किसी भी तरह का ऎगरीगेटर का और उसके द्वारा दिये गये वोट के पंसद नापसंद का कोई जरुरत नही है। अच्छे लेखकों को पाठक मिलता रहेगा।

हम ब्लागवाणी के संचालकों से आशा करते हैं कि व्लागवाणी को दुबारा सुरु करे और हिन्दी ब्लागरों का उत्साह बर्धन करें।

ब्लागवाणी बन्द होने के बाद मैंने ब्लागवाणी के बदले (वैसे ब्लागवाणी का अपना स्थान था) कोई दुसरा ऎगरीगेटर खोजने का काम किया और मुझे मिला। मुझे हिन्दी ब्लागरों के लिये एक नया social content website मिला जिसका url है http://iedig.com जो कि कुछ हद तक ब्लागवाणी जैसा काम करता है लेकिन इसमें कुछ ज्यादा सुविधा मुहय्या करवाया गया है जैसे आप इस साईट में अपना दोस्तो का नेटर्वक बना सकते है और अपने पोस्ट को उनसे बाँट सकते हैं। अपने पंसदिदा ब्लागरों के पोस्ट आप वोट दे सकतें हैं। इस साईट में आप हिन्दी के साथ साथ अंग्रेजी में भी ब्लाग पोस्ट कर सकतें हैं और हम हिन्दी ब्लागरों जो एक अलग दुनिया बसाये थे उन्हें नये पाठक मिलेगा। इस http://iedig.com में जब आप अपना ब्लाग पोस्ट करतें हैं तो ये Upcomming में आता है और 5 वोट मिलने के बाद ये publish होता है और ये पहले पेज में दिखना सुरु होता है| ज्यादा से ज्यादा वोट पाने के लिये आपको एक वोटिंग बटन अपने ब्लाग में लगाना होगा। कुछ हिन्दी ब्लागर इसे अपने व्यवहार में ला रहें हैं मुझ से ज्यादा वे इस बारें में बता सकते हैं।

हम हिन्दी ब्लागरों को http://iedig.com के रुप में एक नया साथी मिल गया है आशा है http://iedig.com हमारा साथ हमेशा देगा।

http://iedig.com

6 comments:

संजय बेंगाणी said...

www.chitthajagat.in भी तो है.

विवेक रस्तोगी said...

इसे तो वापिस से शुरु से पढ़ना पड़ेगा पर ब्लॉगवाणी से हमारा भावनात्मक लगाव भी हो गया था।

चौहान said...

संजय बेंगाणी Ji

www.chitthajagat.in bghi acha kam kar raha hai lekin kya agar use se accha kuch mile to uska istemal nahi kar sakte hai kya?

संजय बेंगाणी said...

मैने केवल विकल्प बताया है....

राज भाटिय़ा said...

संजय जी अभी तो ब्लांघ बाणी कॊ ही वापिस लाने की कोशिश है, इस बारे बाद मै सोचेगे...
आप का धन्यवाद

आप को ओर आप के परिवार को विजयादशमी की शुभकामनांए.

Pramendra Pratap Singh said...

ब्‍लागवाणी तो ब्‍लागवाणी था, नि‍श्चित रूप से यह विकल्‍प भी हिन्‍दी ब्‍लागरों को राहत देगा।