12 November 2007

गलत समय की चुप्पी गलत समय का शोर

हिन्‍दू समाज में अनेक बुराईयॉं है इन बुराईयों का जिम्‍मेदार आज इसी समाज को ठहराया जाता है। कुछ ऐसे जो अचानक प्रशिद्ध होते है। वो कुछ अधिक बड़चड़ कर ऐसा कहते है। उनके पीछे प्रशिद्धि की चाह रखने वाले, कुछ लोग य‍ही कहने लगते है। इस प्रकार एक बड़ा समूह ऐसा हो गया है जो हिन्‍दु समाज को बुरा कहने को कटिबद्ध है ये लोग बिना कुछ सोचे समझे इस समाज की कमियॉं ढ़डने में लगे रहते है। जब कुछ नही मिलता तो ये बुराईयॉं गढ़ते है। उसे हिन्दू समाज पर चढ़ाते है। और समाज के समाने परोस देते है।

दुर्भाग्‍य यह कि इनका नाम राम-श्‍याम-विजय और विनय होता है। इस कृत्‍य को करने में इनका दोष नही है, भला कौन नही चाहेगा कि वह बिना कुछ किए बड़ा हो जाये, प्रसिद्ध हो जाए, दुनिया की कुछ सुख सुविधा उन्‍हे मिले। यह सब पाने के लिये यदि इन्‍हे थोड़ा काम करना पड़ता है तो बुरा क्‍या है। चाहे वह काम वह अपने पिता को गाली देना का क्‍यो न हो? ये कटिबद्ध हो कर यह काम करते है। अपने को श्रेष्‍ट, महान और उदार घोषित करते है किन्‍तु लगे रहते है अपनी, अपने परम्‍पराओं की, अपने पूर्वजों की बुराई करने में, यह बुराई कितनी सच है कितनी झूठ इससे इनका कोई लेना देना नही होता।

मुझे यह कहने में जरा भी संकोच नही है कि इन लोगो को इतिहास का रत्‍ती मात्र भी ज्ञान नही है। बुद्धि के घोड़े दौड़ने वाले इन लोगों को समाजिकता का भी कोई ज्ञान नही है। यह पढ़े लिखे अनपढ़ है। इन्‍हे अपने होने का भी गर्व कभी भी महसूस नही होता, ये हर चीज के लिये अपने आप तथा अपने समाज को दोष देते है। सच्‍चाई यह इनकी वजह से ही आज भारत पर गिद्ध दृष्टि लगाये बैठे देश मजे लेते है। यहॉं पर फैल रहे आतंकवाद के असली दोषी यही है। नक्‍सलवाद के जन्‍मदाता यही है। इन्‍ही कृपा से जाति वाद का दानव विकराल हो रहा है।

परिवारिक मार्यादा पर यही नारी स्‍वतंत्रता की गुहार लगाते है, पर एक महिला (शाहवानो) के भरण पोषण के अधिकार से संसद द्वारा वंचित किये जाने पर चुप रह जाते है। इनकी गलत समय की चुप्‍पी और और गलत समय का शोर ही इनके गलत इरादो को प्रकट करती है। मुझे समय में नही आता इन्‍हे क्‍यो अलीगढ़ के चाट वाले की हत्‍या कष्‍ट नही देती ? क्‍यो इनके विचार का विषय गोरखपुर में पुलिस जीप से उतार कर एक निर्दोष की हत्‍या नही होती? क्‍यो इनके कानों में मऊ में मारे गये यादवों का दर्द सुनाई न‍ही देता ?

इसका कुछ न कुछ कारण है।

क्‍या कारण है ?

आप स्‍वयं विचार करें।

......................................................................................

लेख यह भी है-

दृश्‍य और अदृश्‍य युद्ध

......................................................................................

7 comments:

आलोक said...

c/प्रशिद्ध/प्रसिद्ध
c/बड़चड़/बढ़चढ़

हरिराम said...

मुख्य कारण हिन्दुओं में भय व्याप्त होना है।

chandan said...

हिन्दु समाज हि इसका मुख्या कारण है हिन्दु समाज को कभी भी अपनी बुराई दिखता ही नही है और बात तो देवी और देवता का करता है समाज सुधार का करता है सांप्रदायिक और जातीय का करता है क्या आज तक हिन्दु समुदाय हिन्दु एकता का किया है कितनी बार मार खाया कितनी बार लुटा गया, बार-बार बलात्कार किया गया लेकिन आज भी हम एक जरा भी सुधरने का नाम ही नही ले रहे है और शायद सुधरे भी ना कौन समझाये इन्हे

Gopal Kumar Azad said...

iska mukhya karan yehi hai ki aaj hinduo ko hi hindu ka dushman bana diya gya hai aur yah ek sochi samjhi sazis hai musalmano ko unke kisi bhi krit ke liye maaf kiya jata hai aur unhe hero ki tarah samaz me pesh kiya jata hai, jitne bhi hindu birodhi hain unhe media aur sarkar hero banati hai aur use samaj ke samne baar baar kisi na kisi rup me pesh karti rahti hai iska ek matra karan muslim vote bank hai, aur jo hindusim ko manne wale log hain wo to inhi ghatna pari ghatnaon me ulajh kar rah jata hai ki kaun sahi hai aur kaun galat aur jo kuchh log hindusim ya apne rastra ke liye kuchh karne ki koshish karte hain unhe ugrawadi manvta ke dushman aur na jaane kin kin upnamo se navaja jata hai isliye aaj desh ki ye sthiti hai ki koi khul kar samne nahi aana chahta ya apne dharam apne sanskirti ko gaali dene me hi apni mahanta samajhta hai.
jai hind

Pramendra Pratap Singh said...

सार्थक लेख है जो आज की वर्तमान दुर्दशा को दर्शाती है कि लोग अपने शत्रु स्‍वयं ही है।

आलोक जी,
प्रतिक्रियाओं के लिये धन्‍यवाद, मेरे अलावॉं पूरी टीम नई है। और सभी से कुछ न कुछ त्रुटि होना स्‍वाभाविक है क्‍योकि हर किसी आने वाली पोस्‍टे उसनी पहली या दूसरी पोस्‍ट है। और मेरे पास भी अभी इतना समय नही है कि इन्‍हे ठीक कर सकूँ, निश्चित रूप से आपके सुझाव अनुकरणीय है।

Pradeep Bharat said...

ye sab log conspirator ha .ye log purvniyojit shadyantra ke tahat hindu takto ko kamjor kar rhe ha or eske badle me badi bhari matra me pasa or aeyasi le rhe ha. enki atma mar chuki ha or enka sharir bas pratvi par bhar ha...or aab samya aa gya ha ees bhar ko kam karne jisse bharat mata ,ye dharti mata chain se sansh le sake....aab samya aa gya ha utha khade hone ka or duniya ko dikha dene ka ki hamari rago me vhi ram ka khun ha jisne dharti ko asuro se hind kar diya tha,hamri rago me oos vir krashana ka khun prvah karta ha jisne arjun ko preerit kiya tha crore logo ko mat ke ghath utarne ke, hamari rago me vhi khun dodta ha jisne pratishod liye tha shivaji bankar....

राज कुमार said...

भइया जी बहुत अच्‍छा लिखा है।