23 March 2008

गांधी जी हत्‍यारे है

महाशक्ति समूह महान देश भक्‍तों को नमन करती है। हम आपके बलिदान को जाया नही जाने देगें। गांधी को और हत्‍या नही करने देगे। आज ग़र आप हमारे बीच नही हो तो सिर्फ और सिर्फ गांधी जी के कारण। गांधी जी ने भले अपने जीवन में चीटी न मारी हो कि अनेको देश भक्‍तों की जरूर हत्‍या की है।

 

जय भगत सिंह, जय राजगुरू, जय सुखदेव, जय भारत

5 comments:

रीतेश रंजन said...

मैं भी आपकी इस बात से इत्तेफाक रखता हूँ...
अगर गाँधी चाहते तो भगत व अन्य देशभक्तों को बचाया जा सकता था..
परन्तु इससे शायद गाँधी के अहिंसा आन्दोलन के समर्थक नहीं होते..
क्यूंकि भगत सिंह व उनके साथियों को लोग ज्यादा पसंद कर रहे थे उस समय...
वास्तविकता के काफी करीब है ये लेख

दिनेशराय द्विवेदी said...

भाई, उन को गाँधी ने बचा लिया होता तो भी क्या वे बच जाते? भगत सिंह ने फाँसी खुद वरण की थी। और उसे यह साहस दिया था उस की विचार धारा ने। लेकिन उस की विचार-धारा क्या है? उस की चर्चा आप नहीं करेंगे। क्यों कि वह आप को गाँधी की आलोचना करने की इजाजत तो देती है लेकिन उन का अपमान करने की नहीं।

संजय बेंगाणी said...

शहिदों को नमन.


इतिहास का सरलीकरण है, गाँधीजी की इस तरह से आलोचना करना.

Nemish Hemant said...

kah bhar dene se koi hatyara nahi hota. dekha yah jana chahiye ki taty kaya diya hai.

chandan said...

नोवाखाली का दंगा, मोपला का दंगा, बटवारे के समय 35 लाख हिन्दुओ का कत्ल, कश्मीर में मारे गये पण्डीत और भी बहुत सी हत्यौं के पीछे आखीर कौन था। इतिहास लिखने बाले झुठे और मक्कार लेखक को इसका उत्तर देना होगा।