19 March 2008

होली आई रे ....














देखो यारों देखो होली आई रे...
रंग रंगीला मौसम देखो लायी रे॥

अबीर
गुलाल से रंगीन हो रहा संसार,
पकवानों की सुगंध से सराबोर हो रहा घर बार।
देखो एक नया संसार लेकर होली आई रे,
देखो यारों देखो होली आई रे॥

सजने लगी देखो सारी रंगोलियाँ,
मिल गई बचपन की सारी हम्जोलियाँ।
जीवन में त्यौहार देखो लायी रे,
देखो यारों देखो होली आई रे॥

देखो आया मौसम यारों पकवानों का,
ओर अग्रजों को मिलने वाले सम्मानों का।
फिजाओं में प्यार की फुहार लेकर आई रे,
देखो यारों देखो होली आई रे


यार दोस्तों का मिलन लेकर आई रे,
प्यार के संदेश को फैलाने देखो आई रे।
एकता का प्रदर्शन करने आई रे,
देखो यारों देखो होली आई रे। देखो यारों देखो होली आई रे॥

3 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

होली की बहुत बहुत शुभकामनाऍं, बहुत ही अच्‍छी कविता है।

रीतेश रंजन said...

धन्यवाद मित्र,
होली की मेरी ओर से आपको ओर आपके प्रियजनों को ढेर सारी शुभकामनाएं ....
इसके साथ ही सारे लेखकों ओर उनके प्रियजनों को भी मेरी ओर से होली की शुभकामनाएं!

BlogMaster said...

bahut achchhi kavita hai bandhu,

holi ki badhi