03 April 2008

पुत्र लालसा का मिथक तोड़ते 105 परिवार

बेटियों के लिए नकारात्मक नज़रिया रखने वालों के लिए जबलपुर जिले के १०५ परिवारों से सीख लेना चाहिए जिनने केवल २ बेटियों के बाद परिवार कल्याण को अपना लिया ये जानते हुए
कि इसके बाद उनको पुत्र प्राप्ति न हों सकेगी ,


["बाल विवाह मत करना माँ"अपनी माँ को रक्षा सूत्र बांधती एक बेटी ]
ये खुलासा तब हुआ जब मैं अपने सहयोगी स्टाफ के साथ म० प्र० सरकार की लाडली लक्ष्मी योजना की उपलब्धि के बाद आंकडों का विश्लेषण कर रहा था । 500 लाडली लक्ष्मीयों में से 89 वो हैं जिनकी बड़ी बहन ही है और भाई अब नहीं आ सकेगा , 6 बालिकाओं के तो न तो बहन होगी न ही भाई , यानी 21 प्रतिशत परिवारों ने पुत्र की लालसा के मिथक तोड़ दिए, क्यों न सकारात्मक सोच को उभार के हम कुरीतियों से निज़ात पाएं ....!!
अब शायद म० प्र० सरकार के इस प्रयास की सराहना सभी को करनी ही होगी ।

5 comments:

राजीव जैन said...

अच्‍छी खबर

Pramendra Pratap Singh said...

आपने अच्‍छी खबर दी है, बधाई

बाल भवन जबलपुर said...

THANKS

Sudeep said...

गिरिश जी , यह खबर पढ के अच्छा लगा. अनुकर्णीय पहल्.

MEDIA GURU said...

khoj khabar . badhai.