उर्फ़ इलाहबादी तड़का लगाने वाले भाई साहब जी
"सादर नर्मदे हर हर "
अपने पोस्ट मिसफिट पे जाकर ठेल रहा था कि रात पौने दो बजा । फ़िर अल्ल-सुबह जागने की गरज से एक अन्तिम चतुष्पदी की अन्तिम लाइन के लिए न तो शब्द मिल रहे थे न कुछ लिखने की इच्छा ही हो रही थी आँखें जलने लगीं ....... बस सोचा बवाल दिन भर ब्लागिंग करेंगे अपुन सो लें .......... चलो उनको पोस्ट के लिए भी प्रेरित कर दे लगे हाथ ....... सो बस लिख दिया अधूरी कविता बवाल पूरी करेंगे.... हुआ भी यही भाई ने दिन भर की टालमटोल के बीच बेहतरीन पोस्ट दे डाली यानी कि"तामीले-हुक्म " किया गया हम सोच रहे थे पता नहीं बवाल क्या सोचेंगे छेड़ तो दिया किंतु आज बवाल का दिन था होना ही था क्योंकि व्हाया हमारी पोस्ट से धडाधड आदेश जारी हुए कुछ यूँ-
उड़न तश्तरी -
सीमा गुप्ता-सूली चढाया था मुंसिफ ने कल जिसे -
हर दिल के कोने में वो जीना अभी भी है !
" बहुत जानदार ............निशब्द कर दिया इन पंक्तियों ने.
Regards
ताऊ रामपुरिया -...लाजवाब है..अब बवाल भाई का इन्तजार करते हैं.
रामराम।
तब कहीं जाकर भाई बवाल बोले -हाँ जी मगर ये बतलाइए कि टिप्पणी में ही पूरा करूँ या पोस्ट के माध्यम से ? निर्देश के इंतज़ार में -
यानी कि माहौल की तपास शाम को मेरे आफिस में भाई ने सूचित किया :-"काम कर दिया...!"
घर आकर एक उम्दा पोस्ट मिली सुंदर कविताई मज्जा आ गया भाई वाह.....वाह......!!
रंजू दीदी का आभारी भी हूँ जो उनने कहा
रंजना [रंजू भाटिया] गर इश्क है तो इश्क की तरहा ही कीजिये,बहुत खूब ..बेहतरीन
शेष शुभ
हर हर गंगे
4 comments:
नयी चर्चा की शुरुआत वाह
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गुलाबी कोंपलें
सरकारी नौकरियाँ
बेहतरीन
सब जगहो पर घूम आया बहुत ही आनंद आया।
Vinay ji
Pramendr ji
"bas hansate-hansate safar zaree hai"
kafi sundar poori sair kara diya aapne
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