04 September 2008

नागरिकता की बात


राम विलास पासवन ने एक और नया सिफुगा छोड़ दिया है की अब बंग्लादेसियों को भी नागरिकता देनी चाहिए । अब भारत कोई देश खला जी घर हो गया है। जिसे चाहे नागरिकता प्रदान कर दे । एक बात विल्कुल समझ से परे है की यह मांग पासवान ने क्यों उठाई । इसका तात्पर्य यह है की मुस्लिमो को रिझाकर वोट बैंक तैयार करना है। शायद पासवान यह भूल रहे हैं की बिहार में काफी सीट पाकर भी दुबारा उनका सेंसेक्स क्यों गिर गया । क्योंकि उन्होंने कहा था की बिहार का मुख्या मंत्री मुस्लिम होगा। बात यहाँ मैं मुस्लिम विरोधी नही कर रहा हूँ। बल्कि सवाल यह उठता है की क्या बंगलादेशी जो भारत में आतंकवाद फैलाने में अहम् भूमिका अध कर रहा है। उनके नागरिकों को मान्यता दी जनि चाहिए। इस बात की क्या गारंटी है की वह इस देश के निवासी होकर भी ऐसे गतिविधिओं से दूर रहेंगे। अब आप ख़ुद ही बताइए की राम विलास ऐसी बात क्यों कर रहें है। इसमे कोई संदेह नही की यह सिर्फ़ और सिर्फ़ राजनीती के मकसद के लिए कर रहे हैं। जो एक भारत सरकार के मंत्री को शोभा नही देता।

2 comments:

राज भाटिय़ा said...

पास्वान साहिब से एक बात पुछे क्या हम सब भर पेट खा कर सोते हे, क्या हम इतने अमीर हे की मेहमान को घर मे जगह ओर खाना दे सकते हे ?

Pramendra Pratap Singh said...

कुछ नेता ऐसे होते है, जिनके बारे में टिप्पणी करना, टिप्पणी का अपमान होता है। उसमें से पासवान भी एक है, इनके जैसे नेता को गली का कुत्ता भी पूछता है पर अपनी मजबूरी के कारण मनमोहन को इन्हे मंत्री बनाना पड़ रहा है।