02 December 2008

सुनो मीडिया वालो हिम्मत है तो इमरान खान वाला विज्ञापन दिखाना बंद कर दो

भारत के वीर सपूतों को आखिरी-अभिवादन के साथ मित्रो भारत को पाकिस्तान के साथ कठोर बयान जारी करने के अलावा इन बिन्दुओं पर भी विचार करना है हमें
# पाकिस्तान के साथ सांस्कृतिक/साहित्यिक/आर्थिक संबंधों पर तुरंत ही समाप्त कर दी जाएँ
# स्टार प्लस सोनी जी टी वी इस देश के कलाकारों को लेकर बनने वाले रियलिटी शो से उन कलाकारों को बिदा कर देना चाहिए
# इमरान खान जैसे क्रिकेटर'स के विज्ञापन दिखाना बंद किया जाए
भारत सरकार के नए विदेश मंत्री प्रणव मुखर्जी का ताज़ा बयान स्पष्ट करता है कि देश की अस्मिता को अब चुनौती देना आसान कदापि नहीं है। सही साधा सटीक इरादा ज़ाहिर किया है सरकार नें इस मसले पर सभी की एक धारणा एक संकल्प होना चाहिए ।
ताकि कड़ाई जारी रहे. आतंक और आतंकी सपोलों को विश्व के मानचित्र से समाप्त कराने के लिए सबसे अहम् बात ये होगी कि -

" नकारात्मक विचार और विचार धाराएँ सख्ती से समाप्त किए जाएँ "
भारत ही विश्व को ज़रूरत है सर्वत्र शान्ति की ताकि उत्कृष्टता के साथ मानवीय विकास के परिणाम लाए जा सकें . यहाँ स्पष्ट करदेना चाहता हूँ की सनातन व्यवस्था में सर्वे जना: सुखाना भवन्तु का संदेश सदियों से है.... सभी धर्मों का आधार-भूत संदेश भी यही ।

5 comments:

Pramendra Pratap Singh said...

पाकिस्‍तान का वाहिस्‍कार जरूरी है, हम एक तरफा मित्रता की बाते कर है किन्‍तु पाकिस्‍तान ने लिये यह सिर्फ बातें मात्र है। हमें राजनयिक से लेकर नागरिक तक सभी प्रकार के रिस्‍तों पर प्रतिबन्‍ध लगा देना चाहिये।

बाल भवन जबलपुर said...

sahee kahaa apane

Anil Pusadkar said...

ये कह रहे हैं आप?ऐसा करेंगे तो खायेंगे क्या?देखा नही शहीदो के लिये चैनल पर लौ जलाने तक के लिये चैनल वालों ने लोगो ने एस एम एस के जरिये पैसे मंगवाये और अपनी देशभक्ति की दुकान चलाई। ये तो देशभक्त भी बिना प्रायोजक के नही बनेंगे।उनसे ये उम्मीद करना बेकार है,और हां वे लोग उल्टे आपको घोर साम्प्रदायिक न करार करारा दे दें।वेसे लिखा आपने सही है,होना तो यही चाहिये मगर्…………………………।

बाल भवन जबलपुर said...

Anil Pusadkar said...
ये कह रहे हैं आप?ऐसा करेंगे तो खायेंगे क्या?देखा नही शहीदो के लिये चैनल पर लौ जलाने तक के लिये चैनल वालों ने लोगो ने एस एम एस के जरिये पैसे मंगवाये और अपनी देशभक्ति की दुकान चलाई। ये तो देशभक्त भी बिना प्रायोजक के नही बनेंगे।उनसे ये उम्मीद करना बेकार है,और हां वे लोग उल्टे आपको घोर साम्प्रदायिक न करार करारा दे दें।वेसे लिखा आपने सही है,होना तो यही चाहिये मगर्…………………………।
अनिल जी
सचेतक-टिप्पणी के लिए आभारी हूँ
सच बताऊँ
अब तो जो भी ग़लत दिखेगा आएगा उसको
इसी तरह बेनकाब करने का इरादा है चाहे जो
bhee हो

Anonymous said...

आप के लगातार आ रहे आलेख कितने कारगर होंगे कैसे मानूं
ये देश भूल जाता है जल्द ही
Akanksha Pande